चरखी दादरी जयवीर फोगाट 09 अक्टूबर,जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने आज स्थानीय अनाज मंडी का दौरा कर बाजरे की खरीद का जायजा लिया। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मंडी में बाजरा 1200 रुपए क्विंटल के भाव पर बिक रहा है जबकि सरकार कहती है कि हम एक चौथाई बाजरे की खरीद एमएसपी रेट पर खरीदेंगे और बाकी बाजरे पर भावांतर योजना के हिसाब से 600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से किसान को देंगे। इससे किसानों पर सीधे 350 रुपए क्विंटल की मार पड़ रही है। उन्होंने कहा कि दादरी अनाज मंडी में अब तक एमएसपी पर खरीद शुरू नहीं हुई है। उन्होंने सरकार के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि 25 प्रतिशत बाजरा सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कहां से और किस मंडी से खरीदेगी अभी तक कुछ नहीं बताया है। उनके अनुसार उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि जिस दिन हरियाणा के किसान की एमएसपी पर फसल नहीं खरीदी जाएगी वे एक मिनट भी सरकार में नहीं रहेंगे। आज सत्ता के वशीभूत हो उनका कुर्सी छोड़ने का मन नहीं हो रहा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ज्यादा बरसात होने के कारण किसानों की सारी फसल नष्ट हो चुकी है लेकिन सरकार ने स्पेशल गिरदावरी के नाम पर भी किसानों के साथ छलावा कर रही है। अत्यधिक बारिश से नष्ट हुई फसलों के बारे में गिरदावरी को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश सरकार की ओर से जारी नहीं किये गए हैं। उन्होंने कहा कि आज मजदूर वर्ग के सामने बड़ा संकट है। मजदूर किसान के खेत में कटाई व कढ़ाई करके अपने बच्चों का पालन पोषण करता है और अनाज मंडी में भी मजदूर फसल की सफाई, तुलाई व धुलाई करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है। फसल नष्ट होने के कारण उसे ना खेत में मजदूरी मिली ना ही मंडी में मजदूरी मिली। मजदूर के सामने भूखा मरने की नौबत आ गई है। इसलिए हम मांग करते हैं कि जहां किसान को फसल खराबे का मुआवजा दिया जाए वहीं मजदूर को भी आर्थिक सहायता दी जाए ताकि वह अपने बच्चों का पालन पोषण कर सके। इस अवसर पर किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय संयुक्त समन्वयक राजू मान, रणधीर घिकाड़ा, जोरावर सांगवान, बलजीत फोगाट, एडवोकेट आनंद कुमार बिजारणिया, डॉ ओमप्रकाश, प्रवीण चेयरमैन इमलोटा, सुशील धानक, जितेंद्र, सुरेंद्र, कुलदीप, अजय कुमार इत्यादि मौजूद थे। Post navigation लखीमपुर कांड के अपराधियों की गिरफ्तारी में हो रही देरी : नरसिंह सांगवान डीपीई मुख्यमंत्री खट्टर द्वारा लठ उठाने वाला बयान वापिस लेना किसानों की जीत : किसान