गुरुग्राम 9 अक्टूबर।* उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने किसानों का आहवान किया कि वे फसलों के अवशेष जलाने की बजाय फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करें। फसल अवशेष जलाना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है, इससे पर्यावरण में प्रदूषणका स्तर बढ़ता है जिससे व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने कहा कि किसानों को खरीफ फसल के अवशेषों के उचित प्रबंधन की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। फसलों के अवशेष जलाने से पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता है और इससे भूमि की उर्वरा शक्ति को बेहद नुकसान पहुंचता हैं। उपजाऊपन कम होने से पैदावार भी कम होती है और भूमि में मित्र कीट भी खत्म होते हैं। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हो और फसलों के अवशेष जलाने की बजाय उसका उचित प्रबंधन करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है कि हम सभी एकजुटता से प्रयास करते हुए इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। इसमें किसान फसलों के अवशेष जलाने की बजाय उचित प्रबंधन करके पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दे सकते हैं। अवशेष जलाने से सांस संबंधी बीमारियों के रोगियों के लिए भी अत्यधिक परेशानियां उत्पन्न होती है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे फसलों के अवशेषों का उचित प्रबंधन करें और इन्हें ना जलाएं।

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