किसानों की जमीन पर बड़े उद्योगपतियों की नजर : मनीषा सांगवान

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

07 अक्तूबर, हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल के दौरे का विरोध कर रहे किसानों की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही कितलाना टोल पर आज किसानों में भारी रोष व्याप्त हो गया और उन्होंने विरोधस्वरूप जाम लगा दिया। जिससे टोल पर दोनों तरफ लंबी लाइन लग गई। करीब डेढ़ घंटे जाम लगने ने बाद दोपहर 12.30 जैसे ही लोहारू थाने से किसानों की रिहाई का समाचार मिला तो किसानों ने रास्ता खोल दिया।

किसानों के समर्थन में पहुंची मनीषा फाउंडेशन की चेयरमैन मनीषा सांगवान ने कहा कि आज खेती पर बड़ा संकट है और किसानों की जमीन पर बड़े उद्योगपतियों की नजर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन कृषि कानून इसीलिए बनाये हैं ताकि वे अपने चहेते महा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर उनकी इस चाल को समझ गए हैं इसीलिए 650 से ज्यादा की किसानों की शहादत देने के बाद भी बेहद शांतिपूर्ण ढंग से जनांदोलन चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को तीनों काले कानून रद्द करने ही होंगे।

दादरी से निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने सवैंधानिक दायित्व को भूल कर भाईचारे को आपस में भिड़वाने चाहते हैं लेकिन अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हमारा सांझा संघर्ष अपने लक्ष्य से नहीं भटकेगा और जीत हासिल करके रहेगा। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री मानसिक संतुलन खो चुके हैं इसलिए बार बार उल्टी सीधी बयानबाजी कर रहे हैं जिस पर उन्हें अंकुश लगाना चाहिए। उन्होंने लोहारू में किसानों की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की।

कितलाना टोल पर धरने के 287वें दिन सांगवान खाप के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई, फौगाट खाप के प्रधान बलवंत नम्बरदार, चौगामा खाप के मीरसिंह, पंवार खाप के मास्टर महाबीर, किसान सभा के सत्यवान बलियाली, प्रोफेसर जगमिंद्र, चंद्रकला डोहकी, बिमला कितलाना, कृष्णा गौरीपुर ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।धरने का मंच संचालन रणधीर कुंगड़ ने किया।

इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, ईश्वर कोंट, हवा सिंह, बलवन्त, रामेश्वर जगदीश रानीला, मास्टर विनोद मांढी, पूर्व सरपंच राजकरण, साधु, बलजीत, संजय मानकावास, रणसिंह नीमड़ीवाली, जोगेंद्र, बलबीर, बलवान डोहकी, कंवरसेर चंदेनी, जयपाल जांगड़ा, शमशेर सांगवान, प्रेम थानेदार, मास्टर सुरेंद्र गौरीपुर, कुलदीप, सूबेदार सत्यवीर इत्यादि मौजूद थे।

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