कितलाना टोल पर धरने के 282वें दिन महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को किसानों ने किए श्रद्धासुमन अर्पित।

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

02 अक्तूबर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए किसान नेता राजू मान ने कितलाना टोल पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कैसी आज़ादी है व कैसा न्याय है जिसमें किसान की ना सरकार सुन रही है, ना मुख्य धारा का मीडिया उसका दर्द समझ रहा है और ना ही स्वत: सज्ञांन लेनी वाली न्यायपालिका से कोई उम्मीद बची है। उन्होंने कहा कि सरकार व मीडिया का रवैया तो समझ में आता है पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट जो कई महीनों पहले सबमिट हो चुकी उसका अभी तक संज्ञान नहीं लिया यह समझ से परे है।

मान ने कहा कि सैंकड़ों किसान आन्दोलन के चलते शहीद हो गये लेकिन किसानों ने अहिंसा का रास्ता नहीं छोड़ा। किसानों पर बहुत से लांछन लगे। रास्ते सरकार ने रोके मगर टार्गेट किसान को किया गया। उन्होंने कहा कि कोई बोले या न बोले पर वो घड़ी आ गई है जब हमारे लोकतन्त्र की सवैंधानिक संस्थाओं की परीक्षा हो रही है। उन्होंने कहा कि अब तक यह कहा व सुना जाता रहा है कि जब कोई किसी की नहीं सुनता तो न्यायपालिका सुनती है लेकिन आज यह आशंका हो चली है कि कहीं हमारी संस्थाये निरंकुश सत्ता के दबाव में मेहनतकश अवाम की आवाज दबाने व कुचलने का हथियार तो नहीं बन रही हैं।कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 282वें दिन सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, श्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से  सत्यवान बलियाली, चौगामा खाप से मीरसिंह नीमड़ीवाली, सुभाष यादव, रामकिशन, महिला नेत्री सन्तरा, कृष्णा देवी, निम्बो देवी डोहकी, प्रेम शर्मा कितलाना  ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि तीन काले कानून रद्द करवाने के लिए किसान-मजदूर अडिग हैं।

इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, सुरेंद्र कुब्जानगर, आजाद सिंह अटेला, रामसिंह तिवाला, धर्मेन्द्र छपार, सुंदर ठेकेदार खेड़ी बुरा, शमशेर सांगवान, प्रेम थानेदार, कप्तान धनपाल, कप्तान चंदन सिंह, कृष्णा गौरीपुर, बिमला, लक्ष्मी, चंद्रकला, मामकौर, फुलपति, राजेन्द्र श्योराण, फूलसिंह, मामराज घणघस, देवराज, शिवराज, अजमेर, जगदीश बलियाली, लवली सरपंच, सूबेदार सत्यवीर इत्यादि मौजूद थे।

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