कांग्रेस के विधायक भी अगर उनके साथ इस्तीफा दे देते तो आज उपचुनाव नहीं बल्कि मध्यावति चुनाव होते: अभय सिंह चौटाला
भाजपा गठबंधन सरकार को बचाने वाला और आक्सीजन देने वाला भूपेंद्र हुड्डा है
ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा गठबंधन और कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत होगी जब्त
3 अक्तूबर को बैठक में हलके के लोग लेंगे उम्मीदवार का निर्णय

गुरूग्राम, 28 सितंबर: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव तो बंगाल समेत पांच राज्यों के चुनावों के साथ होना चाहिए था। उस समय हरियाणा के हालात उपचुनाव के अनुकूल थे। अब लोक सभा की तीनों सीटों की वजह से सरकार को यह उपचुनाव करवाना पड़ रहा है। चुनाव आयुक्त द्वारा जब हरियाणा सरकार से पूछा गया था कि उपचुनाव हो सकता है या नहीं तब हरियाणा सरकार ने कहा था कि प्रदेश में कोरोना का प्रकोप है इसलिए हालात ऐसे नहीं हैं कि चुनाव करवाए जा सकें। वहीं उसी समय हाई कोर्ट में पंचायत चुनावों का जब मुद्दा लंबित था जिसमें हरियाणा की भाजपा सरकार ने कहा कि हालात सामान्य हैं और पंचायत के चुनाव करवाए जा सकते हैं इसलिए उन्हें चुनाव कराने की इजाजत दी जाए। इस तरह भाजपा का दोगलापन लोगों के सामने आया।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा गठबंधन और कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त होगी और उन्हें लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद हलका सारा ग्रामीण क्षेत्र है और यहां के ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर हैं जो पहले दिन से ही केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए तीनों काले कानूनों के खिलाफ हैं। किसान संगठनों की तरफ से सभी विधायकों को इस्तीफा देने की पहल करने की बात कही गई। चौधरी देवी लाल जब भी कोई किसानों की अनदेखी करता था तो अपना पद तुरंत छोड़ देते थे और इनेलो चौधरी देवी लाल का लगाया हुआ पौधा है और वो उस पार्टी के विधायक हैं। वह हलके के लोगों के बीच गए और उनसे पूछा कि क्या चौधरी देवी लाल के दिखाए रास्ते पर चलकर उन्हें इस्तीफा देना चाहिए या नहीं तब सभी लोगों ने एक सुर में कहा कि वो इन काले कानूनों के खिलाफ हैं और तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उनके इस्तीफा देने से आंदोलन पर असर पड़ा और हालात ऐसे पैदा हो गए थे कि भाजपा और जजपा के विधायक जो ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं उन पर दबाव बनना शुरू हो गया था। उस समय कांगेस के विधायक भी अगर उनके साथ इस्तीफा दे देते तो आज उपचुनाव नहीं मध्यावति चुनाव होते। क्योंकि 31-32 विधायक एक साथ इस्तीफा देते तो भाजपा और जजपा के विधायक भी भारी दबाव में आते और उन्हे भी साथ में इस्तीफा देना पड़ता और भाजपा गठबंधन की सरकार गिर जाती।

भाजपा गठबंधन सरकार को बचाने वाला और आक्सीजन देने वाला भूपेंद्र हुड्डा है जिसने विधान सभा में अविश्वास प्रस्ताव लाकर भाजपा गठबंधन को छह महीने के लिए संजीवनी दे दी इससे उन सत्ताधारियों का डर दूर हो गया और जो दबाव बना था वो हट गया।

उपचुनाव के बाद प्रदेश के हालात फिर से बदलेंगे, भाजपा गठबंधन सरकार में भगदड़ मचेगी और सरकार गिरने के कगार पर आ जाएगी। उन्होंने सम्मान दिवस रैली में चौधरी देवी लाल को श्रद्धा सुमन अर्पित करने आए लाखों लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने रैली में पहुंच कर एक संदेश भी दिया कि जिन लोगों ने इनेलो को खत्म करने का षड्यंत्र रचा था वो मिट्टी में मिल जाएंगे और इनेलो फिर से शिखर पर जाकर खड़ी होगी।

अभय सिंह चौटाला ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का भी आभार प्रकट किया जिन्होंने उनके आहवान पर किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए भारत बंद पूर्ण रूप से सफल बनान में अहम भूमिका निभाई। प्रेस वार्ता के दौरान पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह उपचुनाव किसी पार्टी का नहीं बल्कि इस बात का होगा कि मतदाता तीन काले कृषि कानूनों की हिमायत करते हैं या उनका विरोध करते हैं।

प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकार द्वारा उपचुनाव में बिरेंद्र सिंह को बुलाने पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में बिरेंद्र सिंह ही नहीं बल्कि सभी नेताओं जो किसान हितैषी हैं उनको निमंत्रण देते हैं कि वो सभी आकर खुलकर किसानों की लड़ाई लडऩे का काम करें। अभय सिंह चौटाला ने उपचुनाव में इनेलो उम्मीदवार पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस संदर्भ में 3 अक्तूबर को उन्होंने ऐलनाबाद हलके की एक बैठक बुलाई है जिसमें हजारों की संख्या में लोग उपस्थित होंगे, वो जो भी निर्णय लेंगे वह उन्हें स्वीकार है।

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