– केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डा मंुजपारा महेन्द्र भाई थे मुख्य अतिथि, हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमति कमलेश ढांडा ने की अध्यक्षता।

 – ‘‘ सबका साथ , सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास‘‘ के उद्देश्य से देश में कुपोषण के खतरे से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास जरूरी- डा. मंुजपारा।

 -देश में कुपोषण को कम करने को लेकर एक जनआंदोलन बनाने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जा रहे-डा. मंुजपारा-डा. मुंजपारा तथा श्रीमति ढांडा ने पोषण जागरूकता रथ को झंडी दिखाकर किया रवाना।

 -आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों , गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं को सप्ताह में 6 दिन हर रोज मिलेगा 200 एमएल फोर्टिफाइड दूध

– श्रीमति ढांडा-प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषणवाटिकाएं स्थापित , आयुष व बागवानी विभाग के साथ मिलकर आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में 10 हजार पोषणवाटिकाएं स्थापित होंगी।

– सभी उपस्थित को दिलाई गई पोषण शपथ-‘सही पोषण, देश रोशन‘ पर डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई, पोषण पर आधारित पुस्तकों व प्रचार सामग्री का किया गया विमोचन। 

गुरुग्राम, 23 सितंबर। देश में मनाए जा रहे चौथे पोषण माह के अंतर्गत गुरूग्राम में महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा ने राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन किया जिसमें केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डा. मंुजपारा महेन्द्र भाई मुख्य अतिथि थे। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमति कमलेश ढांडा ने समारोह की अध्यक्षता की। 

इस मौके पर अपने संबोधन में केन्द्रीय मंत्री डा. मंुजपारा महेन्द्र भाई ने कहा कि कुपोषण को कम करने को लेकर एक जन आंदोलन बनाने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष के समारोह को चार विषयगत सप्ताहों में विभाजित किया गया है इनमें पोषणवाटिका का रोपण , पोषण के लिए आयुष और योग , पोषण किट का वितरण तथा गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान के साथ साथ उनको पोषण सहायता प्रदान करना शामिल है। उन्होंने कहा कि पोषण की स्थिति में स्थाई सुधार सुनिश्चित करने के लिए हमारे चारों ओर जो पोषण से भरपूर उत्पादों की बहुतायत है, उनका सही उपयोग करने को सभी लोगों को प्रेरित करना जरूरी है। डा. मुंजपारा ने कहा कि पोषण वाटिका की स्थापना यह सुनिश्चित करने की दिशा में कदम है कि आंगनवाड़ियों, स्कूलों , ग्राम पंचायतों , सामुदायिक भूमि और सरकारी विभागों के परिसरों में पोषक उद्यान लगाकर महिलाओं और बच्चों को मौसमी फल , सब्जियां और जड़ी-बूटियां सस्ती उपलब्ध हों। पारंपरिक ज्ञान और आयुष की क्षमता का उपयोग समुदाय की बेहतरी के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रयासों के साथ आयुष आहार सिद्धांतो और प्रथाओं का मिश्रण चमत्कार कर सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह ‘‘ सुपोषित भारत‘‘ की ओर बदलाव में अपेक्षित परिवर्तन लाएगा। 

डा. मंुजपारा ने कहा कि हमारे लिए हर बच्चा मायना रखता है क्योंकि आज के बच्चे ही इस देश के भविष्य हैं। हम सभी को इसे उज्जवल और स्वस्थ बनाने का प्रयास करना चाहिए। केवल गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान करना ही महत्वपूर्ण नही है बल्कि उनकों इस कमी से बाहर निकालने के लिए उनका उचित उपचार तथा प्रबंधन भी जरूरी है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हाल ही में राज्य को पूरक पोषण के लिए आयरन , फोलिक एसिड और विटामिन बी-12 से युक्त लगभग 2300 मीट्रिक टन चावल आवंटित किया गया है। इसके आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से उचित वितरण , जागरूकता और उपयोग से बच्चों , गर्भवती महिलाओं तथा दूध पिलाने वाली माताओं में एनीमिया और कम पोषण की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि देश में कुपोषण के खतरे से निपटने के लिए ‘‘ सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास‘‘ के उद्देश्य के साथ संयुक्त प्रयास करने की जरूरत है, तभी हम ‘‘ सुपोषित भारत‘‘ के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। 

इससे पहले समारोह की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमति कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वस्थ समाज की रचना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कुपोषण का शिकार एक बड़े वर्ग की चिंता की है जिसमें 6 वर्ष तक के बच्चे , किशोरियां , गर्भवती महिलाएं और शिशुओं को दूध पिलाने वाली माताओं की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि वैसे तो कहा जाता है कि ‘हरियाणा में दूध -दही का खाना‘ होता है पंरतु यहां भी किए गए एक सर्वे में पाया गया कि 29.4 प्रतिशत बच्चे औसत से कम वजन के हैं और 34 प्रतिशत बच्चों की उंचाई उनकी उम्र के अनुरूप नही बढ़ रही। यही नहीं, 21.2 प्रतिशत बच्चे अति कमजोर पाए गए हैं। इन बच्चों में कुपोषण का सबसे बड़ा कारण अपर्याप्त आहार , पीने के पानी में गुणवत्ता की कमी और टीकाकरण में लापरवाही है। इन समस्याओं से लड़ने में राष्ट्रीय पोषण मिशन बड़ा योगदान दे रहा है। श्रीमति ढांडा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आमजन के कल्याण विशेषकर महिलाओं व बच्चों से जुड़े जब भी अभियान शुरू किए तो उसमें हरियाणा ने अन्य राज्यों के सामने मिसाल पेश की। 

उन्होंने बताया कि पोषण अभियान के पहले चरण में हरियाणा के दो जिलों नंूह तथा पानीपत को कवर किया गया  और दूसरे चरण में 10 जिलों नामतः भिवानी, गुरूग्राम, कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, पलवल , रोहतक , सिरसा व सोनीपत को कवर किया गया है। अब तीसरे चरण में प्रदेश के शेष बचे जिलों को कवर किया जा रहा है। श्रीमति ढांडा ने बताया कि प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्रों में कुपोषण व एनीमिया को दूर करने और बुनियादी सुविधाओं की जमीनी स्तर की स्थिति का आंकलन करने के लिए पीजीआईएमएस रोहतक की टीम से सर्वे करवाया गया जिसके आधार पर अब आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पौष्टिक स्थिति में सुधार के लिए भारत सरकार ने भी नया ‘पोषण ट्रेकर एप‘ शुरू किया है। इसके लिए सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और अब तक 23329 आंगनवाड़ी केन्द्र पंजीकृत करते हुए 834923 लाभार्थियों का डेटा अपडेट किया जा चुका है। यही नही, वर्तमान में 11लाख 4 हजार बच्चों तथा 3 लाख 2 हजार गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं को पोषाहार के तहत कवर किया जा रहा है। घरौंडा और गुरूग्राम के पंजीरी प्लांट चल रहे हैं। पंजीरी प्लांटो की संख्या में बढ़ोतरी के लिए विभाग ने प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने ये भी बताया कि बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य में और अधिक सुधार करने के लिए सरकार ने आंगनवाड़ी केन्द्रों में सप्ताह में 6 दिन हर रोज 200 एमएल फोर्टिफाइड मीठा सुगन्धित दूध दिया जा रहा है। इस दिशा में मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना शुरू की गई है जो प्रदेश के 25962 आंगनवाड़ी केन्द्रों में लागू है। 

श्रीमति ढांडा ने समारोह मे उपस्थित सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं , आशावर्करों तथा अन्य महिलाओं का आह्वान किया कि वे लोगों को पौष्टिक खाना खाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 4200 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण वाटिकाएं स्थापित की जा चुकी हैं जबकि आयुष विभाग व बागवानी विभाग के साथ मिलकर आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में 10 हजार पोषण वाटिकाएं स्थापित करने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सब अपने घर, खेत में फलदार पौधे, हरी सब्जी व औषधीय पौधे लगाएं व आस पास के नागरिकों को भी ऐसा करने को प्रेरित करें ताकि पोषक आहार हमारी दिनचर्या का हिस्सा बने और सभी स्वस्थ रहते हुए देश और समाज की प्रगति में योगदान दे सकें। 

इस अवसर पर ‘सही पोषण , देश रोशन‘ पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई तथा पोषण विषय पर पुस्तकों और प्रचार सामग्री का विमोचन किया गया । समारोह में बच्चों और महिलाओं को पोषण किट भी भेंट की गई। केन्द्रीय मंत्री ने उपस्थित महिलाओं को पोषण शपथ भी दिलाई जिसमें हर घर तक सही पोषण का संदेश पहुंचाने का संकल्प लिया गया ।

 इससे पहले डा. मुंजपारा और श्रीमति कमलेश ढांडा ने ‘पोषण जागरूकता रथ‘ को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर सही पोषाहार के बारे में लोगों को जागरूक करेगा। आयोजन स्थल एमेटी यूनिवर्सिटी पंचगांव के परिसर में दोनो मंत्रियो ने पौधा भी लगाया और समारोह स्थल पर पोषण आहार विषय पर आयोजित प्रदर्शनी और रंगोली का अवलोकन भी किया। 

इस मौके पर महिला एवं बाल विकास हरियाणा की प्रधान सचिव डा. जी अनुपमा तथा निदेशक हेमा शर्मा ने भी अपने विचार रखे। समारोह में गुरूग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, एसडीएम अंकिता चौधरी, विभाग के संयुक्त निदेशक हितेन्द्र शर्मा व राजबाला कटारिया सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। 

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