भारत बंद को सफल बनाने के लिए 12 राज्यों में स्वराज इंडिया के हजारों कार्यकर्ता और समर्थक मैदान में होंगे: सुश्री क्रिस्टीना सामी, स्वराज इंडिया अध्यक्ष

यह हमारा दृढ़ संकल्प है कि कोई भी सरकार और कोई भी नीति जो किसान-विरोधी है, वह भारत-विरोधी भी है: प्रो० अजीत झा, प्रेसिडियम सदस्य, स्वराज इंडिया

स्वराज इंडिया संयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर को भारत बंद के राष्ट्रव्यापी आह्वान के प्रति अपनी एकजुटता और समर्थन पहले ही जता चुका है। बंद में देश के कोने-कोने से किसान, मजदूर, व्यापारी, सरकारी कर्मचारी, छात्र, युवा, महिलाएं और सभी वर्ग के आम लोग शामिल होंगे। स्वराज इंडिया द्वारा समर्थित स्वतंत्र किसान संगठन जय किसान आंदोलन ने चल रहे किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जबसे किसान विरोधी कानूनों को पहली बार मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश के रूप में लाया गया था।

भारत बंद को आधिकारिक रूप से समर्थन देने के पार्टी के फैसले से अवगत कराते हुए, स्वराज इंडिया की अध्यक्ष सुश्री क्रिस्टीना सामी ने कहा, “पिछले दस महीनों से किसान अन्यायपूर्ण कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं। किसानों ने अत्यधिक कष्ट झेले हैं, जबकि सरकार बातचीत शुरू करने को भी तैयार नहीं है। आंदोलन शुरू होने के बाद से अब तक 630 से अधिक किसानों की जान जा चुकी है। मोदी सरकार का किसानों के साथ क्रूर और अमानवीय व्यवहार अत्यंत निंदनीय है। स्वराज इंडिया किसान आंदोलन के साथ खड़ा है, और देश भर में अपनी पूरी ताकत के साथ भारत बंद में शामिल होगा। भारत बंद को सफल बनाने के लिए 12 राज्यों में स्वराज इंडिया के हजारों कार्यकर्ता और समर्थक मैदान में होंगे। हम सरकार से अपील करते हैं कि वह अविलम्ब बातचीत शुरू करे, और किसानों की चिंताओं पर ध्यान दे”।

स्वराज इंडिया के प्रेसिडियम सदस्य प्रो० अजीत झा ने कहा, “यह हमारा दृढ़ संकल्प है कि कोई भी सरकार और कोई भी नीति जो किसान-विरोधी है, वह भारत-विरोधी भी है। स्वराज इंडिया, जय किसान आंदोलन, जो कि किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है, के साथ बन्द में शामिल होगा। अखिल भारतीय श्रमिक स्वराज केंद्र और इसकी अखिल भारतीय मिड-डे मील कुक एसोसिएशन, ऑल इंडिया स्कूल क्लीनर्स एसोसिएशन, कर्नाटक म्यूनिसिपल वर्कर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया डोमेस्टिक वर्कर्स एसोसिएशन की संबधित इकाइयां भी बन्द में शामिल होंगी, जिसे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश और दिल्ली मोर्चों सहित 12 राज्यों में लागू किया जायेगा”।

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