किसानों ने अब केंद्र सरकार के खिलाफ बनाया आर-पार की लड़ाई का मन : सोमबीर सांगवान
चरखी दादरी जयवीर फोगाट
10 सितंबर – संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने तीन कृषि विरोधी काले कानून व बिजली बिल-2021 को रद्द करवाना और न्यूनतम समर्थन मूल्य की संवैधानिक गांरटी कानून बनवाने वास्ते केन्द्र सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लडऩे का मन बना लिया है। करनाल धरने को सफल बनाने एवं 27 सितंबर के भारतबंद वास्ते अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यह बात कितलाना टोल पर लगातार चल रहे धरने को सम्बोधित करते हुए सांगवान खाप-40 के प्रधान व दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने कही। उन्होंने आरोप लगाया कि करनाल में सरेआम एक उच्च अधिकारी किसानों के लाठी मार कर उनके सिर फोडऩे का हुक्म दे रहा है और फिर उनके सिर भी फोड़ दिए, सरकार और वहां का प्रशासन नंगे होकर उस अधिकारी के गैर कानूनी करतूत को बचाने में लगे हुए हैं।
लाखों किसानों के शांतिपूर्ण जायज आंदोलन व उनकी भावनाओं की उपेक्षा करके प्रशासन व सरकार ऐसा कर रहे हैं, यह उनको भारी पड़ेगा। कितलाना टोल से रोजाना किसानों की टीम करनाल जाती है और शुक्रवार को सांगवान खाप के अटेला कन्नी प्रधान आजाद फौजी व किसान सभा के मास्टर शेरसिंह के नेतृत्व में एक दल करनाल रवाना हुआ। धरने को सम्बोधित करते हुए पूर्व संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कहा कि यह आंदोलन अब अकेला किसानों तक सीमित नहीं है, बल्कि जनआंदोलन बन चुका है, जो देश की आजादी, धन दौलत, खेती, गरीब की रोजी-रोटी, शिक्षा, स्वास्थय व रोजगार बचाएगा, क्योंकि आरएसएस व कारपोरेट गठजोड़ ने जनता पर मुनाफाखोर हवस के तहत हमला बोल दिया है।
टोल पर धरने के 260वें दिन की अध्यक्षता सांगवान खाप-40 के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई, श्योराण खाप से बिजेंद्र बेरला, किसान सभा से रामफल देशवाल, पंवार खाप से मास्टर महाबीर, किसान नेता बलबीर सिंह बजाड़, कर्मचारी नेता सुखदेव पालुवास, महिला नेत्री राजबाला कितलाना, रतनी डोहकी, कृब्णा गोरीपुर व संतोष देशवाल ने संयुक्त रूप से की। मंच का संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरेन्द्र कुब्जा नगर, सुरेश शर्मा कालूवाला, दीपचन्द फतेहगढ़, दिलबाग ढुल, राजबीर बोहरा, सुबेदार सतबीर सिंह, नरेंद्र धनाना, महेन्द्र सिंह धानक, ओम प्रजापति डोहकी, जंगशेर डोहकी, महिपाल छ्पार, अजीत चमार मानकावास, बबलू मानकावास, प्रेम शर्मा कितलाना, संतुराम प्रजापति कितलाना, शीशपाल धायल, परमजीत फतेहगढ़, जिले सिंह डोहकी, समुन्द्र सिंह कितताना, कप्तान सूरजभान शामिल रहे।