जो किसान का नहीं वो किसी का नहीं : धरनारत किसान

कितलाना टोल पर धरने के 252वें दिन बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार पर हमला

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

02 सितंबर –  जो हर तरह के मौसम की मार झेलते हुए अपने खून पसीने को एककर मिट्टी से सोना उगाने वाले किसान का नहीं हो सकता वो किसी का भी सगा नहीं हो सकता है। यह बात जाटू खाप के मास्टर राजसिंह ने कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब कोरोना महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था डगमगा रही थी उस वक्त देश के अन्नदाता ने ही उसे संभाला था लेकिन सरकार इन सब बातों को भुला आज किसान मजदूरों को ही प्रताड़ित करने पर जुटी है।

उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन काले कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसान मजदूरों पर जुल्म ढाने वाले अधिकारियों को सरकार बर्खास्त करने के बजाए उन्हें पुरस्कृत कर रही है। उन्होंने कहा कि करनाल लाठीचार्ज के लिए दोषी एसडीएम को सरकार ने बढ़िया पोस्टिंग देकर अपना असली चेहरा दिखा दिया है लेकिन इससे किसानों के हौंसले कम होने वाले नहीं है। जब तक तीनों काले कानून रद्द नहीं होते हम हर मुश्किलों और जुल्मों का सामना करते हुए अपनी मंजिल पाकर रहेंगे।

कितलाना टोल पर 252वें दिन धरने की सांगवान खाप 40 से नरसिंह सांगवान डीपीई, श्योराण खाप से बिजेंद्र बेरला, जाटू खाप से मास्टर राजसिंह, पंवार खाप से मास्टर महाबीर सिंह, किसान सभा से प्रताप सिंह सिंहमार, गंगाराम श्योराण, ओमप्रकाश दलाल, संतरा, संतरों डोहकी, फुलपति कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई ने आम जनमानस की कमर तोड़कर रख दी है। पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम आसमान को छू रहे हैं लेकिन सरकार कोई राहत दे रही है।

धरने का मंच संचालन सुखदेव पालवास ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, सुरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, कप्तान चंदन सिंह, बलवान, दयानंद रानीला, मास्टर सुरेन्द्र गौरीपुर, दिलबाग नीमड़ी, कृष्ण लेघा, प्रोफेसर जगमिंद्र, रणबीर, कृष्ण छपार, नंदलाल अटेला, बलवीर डोहकी, सत्यवान कालुवाला, लवली सरपंच, श्योनारायण मानकावास, सुबेदार सत्यवीर इत्यादि मौजूद थे।

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