भाजपा सरकार के ईशारे पर करनाल में किसानो पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज.
कांग्रेसी पार्टी ने रोष प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपा.
लाठीचार्ज करवाने वालों के विरुद्ध उचित कार्यवाही करने की मांग की

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम। भाजपा सरकार के ईशारे पर हरियाणा पुलिस द्वारा गत 28 अगस्त को करनाल में किसानों पर किए गए बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज, भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन और परिवार पहचान पत्र विधेयक के विरोध में गुरूग्राम में कांग्रेसी पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने रोष प्रदर्शन कर महामहिम राज्यपाल के नाम जिला उपायुक्त गुरूग्राम को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर भड़ास निकाली।

पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि करनाल में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सार्वजनिक वीडियो से यह साफ  है कि मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से किसानों के सिरों पर लाठियां बरसाकर कातिलाना हमला करने का आदेश दिया था। जिस तरह से निहत्थे लोगों पर जलियांवाला बाग में अंग्रेजों ने गोलियां चला दी थी यह घटना भी उससे कम नही है।  यादव ने महामहिम राज्यपाल से निहत्थे किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करवाने वालों के विरुद्ध उचित कार्यवाही करने की मांग की है ताकि कोई भी दोबारा ऐसा बर्बरतापूर्ण कार्य न करे।

जमीन अधिग्रहण में किसानों की सहमति नहीं
यादव ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करके भाजपा-जजपा सरकार ने किसानों की बर्बादी का फैसला लिया है। आज किसानों को उनकी फसलों के सही दाम नहीं मिल रहे हैं। किसान कर्ज के तले दबे जा रहे हैं और लगातार आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। हरियाणा सरकार ने हरियाणा की विधानसभा में वर्ष 2013 में यूपीए सरकार द्वारा बनाए भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के जरिए किसानों की बर्बादी का फैसला लिया है। यह भाजपा-जजपा सरकार द्वारा अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने की साजिश का एक हिस्सा है। पहले जमीन अधिग्रहण के लिए 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी थी, लेकिन अब जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों से सहमति नहीं ली जाएगी। इससे बडा अत्याचार किसानों के साथ और क्या होगा कि उनकी जमीन बिना उनकी सहमति के छीन ली जाएगी।

गठबंधन सरकार जनविरोधी निर्णय ले रही
पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अपने तानाशाही रवैये के चलते लगातार जनविरोधी निर्णय ले रही है। यह सरकार विपक्षी दलों, किसानों, मजदूरों और आम जनता की आवाज दबाने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपना रही है। भाजपा सरकार ने गत 28 अगस्त को किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करवाया, हरियाणा सरकार का अन्नदाताओं के साथ यह व्यवहार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे किसानों को जानवरों की तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। दर्जनों लहूलुहान हो गए और सैकड़ों को चोटें आईं। वहीं व्यापार प्रकोष्ट के प्रदेशाध्यक्ष पंकज डावर ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार द्वारा लाये गये परिवार पहचान पत्र विधेयक से लोगों की निजता का हनन होगा। इस योजना के तहत लोगों का सारा डाटा जैसे आधार नंबर, फोन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर आदि निजी कंपनी के हाथो में होगा और जिसके चोरी होने की पूरी सम्भावना है। जिस प्रकार केंद्र की भाजपा सरकार पेगासस के माध्यम से देश के उच्च पदासीन अधिकारियों, विपक्षी दल के नेताओं, जजों आदि की जासूसी करके राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड कर चुकी है तो इस बात की कौन गारंटी देगा की परिवार पहचान पत्र के तहत दी गयी जानकारी लीक नहीं होगी।

परिवार पहचान पत्र विधेयक से आर्थिक नुकसान
परिवार पहचान पत्र विधेयक से हरियाणा के लोगों को न केवल आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है बल्कि निजता के अधिकारों का भी हनन होगा। अपने दिए गए ज्ञापन में कांग्रेसी नेताओं ने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि विधेयक आपके पास मंजूरी के लिए आए तो आप इन्हें नामंजूर कर दें व जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार को इन विधेयकों को तुरंत प्रभाव से रद्द करने के आदेश जारी करें।

इस मौके पर राव कमलबीर, सतबीर पहलवान दमदमा, सतबीर र्गुजर घाटा, कुलदीप गुर्जर रामगढ, जगमोहन यादव सरपंच, ओबीसी सैल के जिलाध्यक्ष लाल सिंह यादव, गुडगांव उद्दोग एसोसिएशन के प्रधान प्रवीण यादव, प्रदीप जैलदार, लीगल सैल के नवीन शर्मा, संजय भारद्वाज, महावीर वोहरा, मनीष खटाणा, विनोद शर्मा (मीनु) सुमीत चकरपुर, राहुल घोडारोप, अमित कोचर, भारत मदान, ओमप्रकाश पांचाल, सुमन सहरावत, सुरेश यादव, रेखा यादव इत्यादि के अलावा सैंकडों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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