शहीद वीर देव यादव को उनके शहीदी दिवस पर गांव नखरौला में दी गई सामूहिक श्रद्धांजलि

गुरुग्राम: लगभग 29 वर्ष पूर्व, 29 अगस्त 1992 को आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले उप कमांडेंट शहीद वीर देव यादव ने वीरगति को प्राप्त किया था।

उनके छोटे भाई सूर्य देव यादव ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी उनके बड़े भाई शहीद उप कमांडेंट वीर देव यादव को हमारे पैत्रिक गांव नखरौला में उनके बलिदान दिवस पर रविवार दिनांक 29 अगस्त 2021 को रिटायर्ड हैड मास्टर मौल्हड सिंह की अध्यक्षता में उनके शहीद स्मारक स्थल पर सादगीपूर्ण श्रधांजलि सभा का आयोजन किया गया।

मास्टर मौल्हड सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि शहीद वीर देव बचपन से निडर, निर्भीक एवं साहसी प्रवृत्ति के थे। कहते हैं “होनहार विरवान के होत चिकने पात” विद्यालय परिसर में वे अपने चमत्कारी योग से गुरुजनों को आश्चर्यचकित कर भाव विभोर करते रहते थे। उनके अंदर लीडरशिप की भावना कॉलेज परिसर में उत्पन्न हुई। कॉलेज में कई बार प्रधान बने और उनमें राष्ट्र सर्वोपरि की भावना झलक उठी। पढ़ाई करने के दौरान ही उन्होंने बी एस एफ में डायरेक्ट असिस्टेंट कमांडेंट पद ग्रहण करके भारत मां की रक्षा और सुरक्षा में जुट गए। जल्दी ही उनका प्रमोशन डिप्टी कमांडेंट पद पर हो गया और आतंकियों की मुठभेड़ में आतंकियों को मारते हुए आप भी चिर निद्रा में सो गए।

बलिदान प्राण कर गए, रक्षा में अपने देश की।

गुरु देव पिता व मात खजानी भी संतुष्ट है, इच्छा कहां अब शेष की।।

होकर चले ऋण से उऋण, बाकी बची न उधार है।

धीर वीर नमस्य शहीद तुमको नमस्कार है।

याद तुमको कर रहा आज भारतीय परिवार है।।

सूर्य देव ने आगे बताया कि शहीद स्थल पर सामूहिक रूप से जिसमें शहीद वीर देव यादव के छोटे भाई सूर्य देव यादव, उनके परिवार के सदस्यगण, पंचायत समिति सदस्य, गांव के सरपंच, लम्बरदारों, पंचायत के मैम्बरों, गांव के पंचों, इलाके के प्रमुख लोगों, सैकड़ों मौजिज व सम्मानित ग्राम वासियों व आम जनता ने फूल मालाऐं व पुष्प आदि अर्पित कर भावभीनी श्रधांजलि दी। सामूहिक रुप से राष्ट्रगान गाया गया। सभी ने शहीद स्थल पर शहीद उप कमांडेंट वीर देव यादव व शहीद हुकम सिंह को सलामी दी। स्वतंत्रता सेनानियों को फूल मालाएं व पुष्प अर्पित किए व उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। अंत में सूर्य देव ने कहा कि हम शहीदों की कुर्बानियों पर गर्व करते हैं और उनकी कुर्बानियों की वजह से ही आज हम समाज में सुरक्षित जीवन जी रहे हैं।

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