Members of Legislative Assembly observing two minutes silence to pay rich tributes to those prominent personalities who have expired between the period from the end of the previous session and the beginning of the special session to commemorate the Constitution Day, at Chandigarh on November 26, 2019.
तिरंगा यात्रा शहीदों के सम्मान में निकाली गई अर्थात देशभक्ति का कार्यक्रम परंतु कहने को शब्द नहीं हैं मेरे पास कि कहीं से भी ऐसा समाचार नहीं मिला कि तिरंगा यात्रा में कहीं भी झंडे को सलामी दी गई और राष्ट्रीय गान गाया गया हो।

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। वर्तमान में राजनैतिक स्थिति कुछ ऐसी है कि पक्ष और विपक्ष दोनों ही हर मुद्दे पर केवल और केवल राजनीति कर रहे हैं। चाहे उसमें किसान आंदोलन हो, कर्मचारियों की परेशानी हो, महंगाई से त्रस्त जनता हो, बदहाल स्वास्थ सेवाएं हों या फिर भ्रष्टाचार का साम्राज्य हो।

सत्ता पक्ष की ओर देखें तो वह किसानों को लगभग एक वर्ष से अधिक समय से समझाने में लगे हैं लेकिन समझा नहीं पाए और इसे देख सत्ता के सहयोग से प्रचारित ऐसा कर रहे हैं जैसे कि किसान समझ गए तथा जो बैठे हैं धरने पर, वे गिनती के स्वार्थी लोग हैं जो किसी और लक्ष्य से बैठे हैं। 

कर्मचारियों की ओर देखें तो लगभग हर क्षेत्र के कर्मचारी विरोध में ब्यान, धरने, हड़ताल इत्यादि कर रहे हैं लेकिन उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं। विपक्ष तो केवल पैगागस, पेपर लीक और महंगाई का नाम ले अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहा है। जनता की वास्तविक परेशानियों पर उनका ध्यान नहीं है। जनता बेचारी अपने आपको असहाय महसूस कर रही है। 

पिछले 15 दिनों में भाजपा ने तिरंगा यात्रा निकाली, कुछ स्थानों पर विरोध भी हुआ, कुछ स्थानों पर भीड़ भी खूब एकत्रित हुई। कोरोना की गाइडलाइन तो जैसे इनके लिए थी ही नहीं। इस यात्रा में लगभग हर जिले में ही भाजपा के स्थानीय नेताओं ने अपना-अपना अलग शक्ति प्रदर्शन किया। यह यही बताने को पर्याप्त है कि भाजपा संगठन संगठित नहीं है।

तिरंगा यात्रा शहीदों के सम्मान में निकाली गई अर्थात देशभक्ति का कार्यक्रम परंतु कहने को शब्द नहीं हैं मेरे पास कि कहीं से भी ऐसा समाचार नहीं मिला कि तिरंगा यात्रा में कहीं भी झंडे को सलामी दी गई और राष्ट्रीय गान गाया गया हो।

प्रदेश में विधानसभा का सबसे अधिक मान और सम्मान होता है। विधानसभा ही प्रदेश के कानूनों को तय करती है लेकिन या विधानसभा में सत्ता पक्ष द्वारा दिए गए ब्यानों को ही झूठा बताया जा रहा है। लगता ऐसा है कि विधानसभा का स्वरूप बदल गया है। सत्ता पक्ष जो चाहे वह करता है और विपक्ष शोर मचाकर सदन से वॉकआउट कर जाता है। जो लक्ष्य है कि पक्ष और विपक्ष मिलकर बिलों पर चर्चा करें ताकि उनकी अच्छाई-बुराई सामने आकर अच्छे नियम प्रदेश की जनता को मिले परंतु ऐसा कुछ दिखाई दे नहीं रहा।

स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन ही दक्षिणी हरियाणा में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा निकाली गई, उसमें भी यहां के भाजपा नेताओं ने अपना-अपना शक्ति प्रदर्शन किया, संगठन कहीं नजर आ नहीं रहा था और यह स्थिति तो तब थी, जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी जन आशीर्वाद यात्रा में भागीदार थे।

गुरुग्राम की जनता आज भी परेशान है। चंद बूंदें पड़ते ही जलभराव हो गया, वैक्सीन के लिए खूब राजनीति की जाती है परंतु लोग घंटों-घंटों लाइन में लगकर वापिस आ जाते हैं। इन स्थिति को देखकर ही यह सवाल है कि राजनैतिक दल जनता का कितना ध्यान रख रहे हैं?

error: Content is protected !!