73.02 करोड़ रुपये की राज्य वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी

चंडीगढ़, 11 अप्रैल-हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा राज्य आयुष सोसायटी के शासी निकाय (गवर्निंग बाॅडी) की बैठक में राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के तहत वर्ष 2025-26 के लिए 73.02 करोड़ रुपये की राज्य वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी दी गई, जबकि पिछले साल यह 45 करोड़ रुपये थी। इस योजना का उद्देश्य प्रदेशभर में आयुष सेवाओं को मजबूत करके किफायती और समग्र स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करना है।

बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुष विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, आयुष विभाग के महानिदेशक श्री संजीव वर्मा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री आर.एस. ढिल्लों भी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने राज्य में मोबाइल आयुष इकाइयों के विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया ताकि नागरिक अपने घर-द्वार पर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकें। इस कार्य योजना में यमुनानगर के ललहारी कलां गांव में 15 करोड़ रुपये की लागत से 50 बिस्तर एकीकृत आयुष अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दी गई। इस अस्पताल में आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी प्रणालियों पर आधारित उपचार किया जाएगा, जो आधुनिक चिकित्सा देखभाल के लिए एक लागत प्रभावी विकल्प होगा। इसके अलावा, हिसार के मय्यड़ में 50 बिस्तर वाले आयुष अस्पताल को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति के लिए 8 लाख रुपये मिलेंगे।

प्रदेशभर में छः पंचकर्म केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें डिटाॅक्सिफिकेशन, कायाकल्प और तनाव मुक्ति पर केंद्रित विशेष उपचारों के लिए 3.6 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, 66 लाख रुपये की लागत से 22 गांवों को ‘आयुष ग्राम’ के तौर पर विकसित किया जाएगा। ये ‘आयुष ग्राम’ बीमारियों को रोकने और सामुदायिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने के लिए योग, स्वस्थ आहार और प्राकृतिक उपचार को बढ़ावा देंगे।

आयुष जन स्वास्थ्य कार्यक्रम का विस्तार अंबाला, करनाल, चरखी दादरी, भिवानी, नारनौल, कुरुक्षेत्र, झज्जर, नूंह, रेवाड़ी, कैथल, पलवल और यमुनानगर जैसे जिलों में किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत लोगों को पारंपरिक उपचारों के माध्यम से ऑस्टियोआर्थराइटिस, मधुमेह और हृदय रोगों से निपटने में मदद करने के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।

इस समय, प्रदेशभर में 538 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (आयुष औषधालय और उप-केंद्र) में निःशुल्क या किफायती उपचार किया जा रहा है। इनमें से 251 को राष्ट्रीय अस्पताल प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) से प्रवेश-स्तर प्रमाणन प्राप्त मिल चुका है। शेष 187 केंद्रों को 2025-26 के दौरान प्रमाणित किया जाना है।

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