गुरुग्राम, 11 अप्रैल 2025। भ्रष्टाचार के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ पर सख्ती से अमल करते हुए पुलिस आयुक्त श्री विकास अरोड़ा (IPS) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार की एक गंभीर शिकायत पर तत्परता दिखाते हुए उन्होंने सेक्टर-17/18 थाने के चार पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके खिलाफ अभियोग दर्ज कराया। जांच उपरांत चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इसके साथ ही सुपरविजन में लापरवाही बरतने पर थाना प्रभारी (SHO) को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

क्या है मामला:

एक व्यक्ति, जो मूलतः बिहार निवासी है और वर्तमान में सेक्टर-18 स्थित वन क्यू बिल्डिंग के पास चाय-पराठे व सिगरेट की रेहड़ी लगाता है, ने पुलिस आयुक्त के समक्ष पेश होकर शिकायत दी कि थाना सेक्टर-17/18 के कुछ पुलिसकर्मी उसकी रेहड़ी बंद कराने की धमकी देकर अवैध वसूली कर रहे हैं।

शिकायत पर पुलिस आयुक्त श्री विकास अरोड़ा ने त्वरित संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर आरोपी चार पुलिसकर्मियों—एक EASI, एक E/HC, एक सिपाही और एक SPO—के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत अभियोग दर्ज किया गया। सभी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

SHO पर भी गिरी गाज:

इस मामले में अधीनस्थ पुलिसकर्मियों पर समुचित निगरानी न रखने और पर्यवेक्षण में कमी के चलते थाना प्रबंधक (SHO) को भी निलंबित कर दिया गया है।

पुलिस आयुक्त का सख्त संदेश:

श्री विकास अरोड़ा ने स्पष्ट कहा कि गुरुग्राम पुलिस किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। जो भी पुलिसकर्मी या अधिकारी भ्रष्ट आचरण में संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुचित विलंब पर भी जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी को नहीं बख्शा जाएगा।

उन्होंने गुरुग्राम पुलिस के समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आमजन की शिकायतों का त्वरित व पारदर्शी निपटारा सुनिश्चित किया जाए। किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी विभागीय कार्यवाही की जाएगी।

गुरुग्राम पुलिस आपकी सेवा में सदैव तत्पर है।

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