अपनी धर्म बहनों के घर राखी बंधवाने बरोदा और देशखेड़ा पहुंचे महम विधायक बलराज कुंडू

भावुक हुई धर्म बहनों का सिर पुचकारते हुए दिया आजीवन साथ देने का वचन
बरोदा के शहीद किसान अजय मोर की माता कृष्णा देवी ने गले लगाकर दिया विधायक कुंडू को आशीर्वाद
देशखेड़ा में स्वर्गीय किसान की पत्नी सविता बोली भगवान ऐसा भाई सभी को दे

महम, 21 अगस्त : विधायक बलराज कुंडू ने आज विभिन्न गांवों में जाकर अपनी धर्म बहनों से राखियां बंधवाई और बहनों को शगुन एवं आशीर्वाद देते हुए सुख-दुःख में हमेशा साथ देने का वचन दिया।

चंडीगढ़ से लौटते ही विधायक बलराज कुंडू आज सबसे पहले देशखेड़ा गांव पहुंचे और फसल नष्ट होने के सदमे से पिछले साल स्वर्गवासी हुए किसान कुलदीप की धर्मपत्नी सविता से राखी बंधवाई। अचानक से विधायक को अपने घर आया देख सविता हैरान थी तो कुंडू ने सिर पुचकारते हुए कहा- क्या देख रही है बहन, विधायक या कोई नेता नहीं बल्कि तेरा धर्मभाई बलराज राखी बंधवाने आया है। भावुकता भरे माहौल में सविता ने अपने धर्मभाई की कलाई पर राखी बांधी तो कुंडू ने शगुन देते हुए बहन को सुख-दुःख में साथ और रक्षा का वचन दिया। कुंडू ने सविता के करीब चार साल के बेटे और डेढ़ साल की बिटिया के साथ त्यौहार के ये पल बिताए और इसी दौरान दिवंगत किसान कुलदीप की बुजुर्ग माताजी से भी आशीर्वाद लिया। बताते चलें कि देशखेड़ा गांव वासी छोटे किसान कुलदीप की करीब सालभर पहले बरसात और ओलावृष्टि से गेंहू की फसल नष्ट हो गयी थी और इसके सदमे में उसकी जान चली गयी थी। आंखों से अंधी बुजुर्ग माँ और कुलदीप की दिव्यांग पत्नी सविता तथा दो मासूम बच्चों के सामने रोटी का संकट नजर आ रहा था तो सोशल मीडिया के जरिये इसकी जानकारी मिलने पर महम विधायक बलराज कुंडू तब पहली बार देशखेड़ा पहुंचे थे और किसान परिवार को 1 लाख की आर्थिक मदद करते हुए कुलदीप की पत्नी सविता को अपनी धर्मबहन बनाते हुए उसके और बच्चों का खर्च उठाने का वादा किया था जिसे वे पूरी शिद्दत से निभा रहे हैं।

देशखेड़ा के बाद विधायक बलराज कुंडू किसान आन्दोलन में शहादत देने वाले युवा किसान अजय की धर्मपत्नी से राखी बंधवाने गांव बरोदा पहुंचे और धर्म भाई का फर्ज निभाने हुए शहीद की धर्मपत्नी भावना से राखी बंधवाकर शगुन और आशीर्वाद दिया। अपने धर्म भाई बलराज को अचानक से घर आया देख भावना भावुक हो उठी तो कुंडू ने सिर पुचकारते हुए कहा कि तेरा भाई सदा साथ खड़ा है किसी भी बात की फिक्र मत करो। शहीद किसान अजय की माँ कृष्णा और पिता ईश्वर सिंह ने देखते ही बलराज कुंडू को गले से लगा लिया और खूब आशीर्वाद दिया। कुंडू ने भावना की तीनों बेटियों पूर्वी, परी और वंशिका को गोद में खिलाया और लाड़ करते हुए मिठाई खिलाई। उन्होंने तीनों बेटियों की पढ़ाई-लिखाई और स्कूल के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि फीस और कापी-किताबों के खर्चे की फिक्र मत करना वो मेरी जिम्मेदारी है। बताते चलें कि किसान आंदोलन में शामिल अजय अपने परिवार का इकलौता सहारा था और दिसम्बर की भीषण सर्दी में दिल्ली बॉर्डर पर वह शहीद हो गया था। तब बलराज कुंडू ने किसान का बेटा होने का अपना फर्ज निभाते हुए अजय की पत्नी भावना को अपनी धर्म की बहन मानते हुए परिवार को 2 लाख की आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई थी और तीनों बेटियों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च खुद वहन करने का वादा किया था जिसे वे बखूबी निभा रहे हैं।

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