भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। दो दिन हमारे क्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा का बहुत शोर रहा। इस यात्रा को मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का समर्थन प्राप्त था, इसलिए इस यात्रा में कहीं भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं दिखाई दिया और प्रशासन बोल क्या सकता है, जब मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ही प्रोटोकॉल तोड़ रहे हों।

इस यात्रा के नाम पर भाजपा के नेताओं ने अपनी-अपनी अलग ताकत दिखाई, जिससे संगठन में बिखराव भी जनता को नजर आया। ऐसा लगा कि यहां के नेता सब केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से आशीर्वाद प्राप्त करने की होड में हैं। रही जन आशीर्वाद यात्रा के नाम की तो उसमें जनता तो कहीं शामिल थी ही नहीं, जहां भी शामिल थे, वहां भाजपा के नेता थे या फिर उनके कार्यकर्ता।

इन्हीं बातों को देखते हुए भाजपा के एक शीर्ष नेता से टेलिफोन पर बात की और पूछा कि तिरंगा यात्रा और जन आशीर्वाद यात्रा समाप्त हुई, अब आगे क्या कार्यक्रम है?तो उनका जवाब था कि कल अन्नपूर्णा दिवस है, उसमें लगेंगे।

उनसे आगे पूछा कि यह जन आशीर्वाद यात्रा किस लक्ष्य से की?उत्तर मिला कि इस क्षेत्र का व्यक्ति मंत्री बना है, इसलिए इस यात्रा का आयोजन किया गया।

आगे पूछा कि 2014 से ही यह प्रधानमंत्री के साथ हैं और एक प्रकार से प्रशांत कुमार के जाने के बाद उनका काम यही कर रहे हैं तथा दो बार  से यह राजस्थान से सांसद भी हैं तो अब इनका हरियाणा में स्वागत किसलिए?

तो उत्तर मिला कि मंत्री बनने के बाद अपने क्षेत्र में पहली बार आए हैं, इसलिए स्वागत किया गया।इसी बात पर अगला प्रश्न किया कि उन्होंने क्षेत्र के लिए क्या काम किया?तो उत्तर मिला काम अब तो अब करेंगे।

फिर इसके बाद और कोई प्रश्न पूछने की नौबत नहीं आई, क्योंकि उधर से उत्तर मिला कि अब बस कीजिए और सवाल मत पूछिए, क्योंकि हम वही काम करते हैं, जो संगठन के आदेश आते हैं।

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