पार्थिव शिवलिंगों का रुद्राभिषेक अनुष्ठान के यज्ञाचार्य उत्तरभारत के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पण्डित अभिषेक कुश द्वारा सम्पन्न हुआ।
महाभारत युद्ध से पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने भी विजय कामना के लिए इसी स्थान पर अभिषेक किया था।

कुरुक्षेत्र , हरियाणा प्रभारी वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक :

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के महाभारतकालीन श्री स्थाणु तीर्थ महादेव मन्दिर परिसर में नागपंचमी के पावन पर्व पर स्थाणु महादेव मन्दिर के महन्त व अनेकों आश्रमो के परमाध्यक्ष महन्त बंशी पुरी जी महाराज के सानिध्य में सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का रूद्राभिषेक सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में दूर दराज व विदेशों से भी आये श्रद्धालुओं द्वारा भगवान शिव के पार्थिव शिवलिंगों का पूजन किया गया। विश्व कल्याण व महामारी निवारण के लिए महन्त जी द्वारा समय समय पर धार्मिक आयोजन होते रहते है।

महन्त बंशी पुरी जी महाराज ने श्रद्धालुओं को नागपंचमी के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नाग भगवान शिव का आभूषण है और जिस मिट्टी में नाग रहते है उसी बांबी कि मिट्टी से पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण होता है। शिवपुराण में पार्थिव शिवलिंगों का पूजन रुद्राभिषेक करने से अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है और जातक की जन्मकुंडली में कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है। नाग देवता का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है ।

पहाड़ों में रहने वाले व नेपाल में तो खासकर हर घर के बहार नाग देवता की प्रतिमा लगी होती है व पहाड़ी लोग पूजा अर्चना के बाद ही घरों में प्रवेश करते है।

इस रुद्राभिषेक अनुष्ठान के यज्ञाचार्य पण्डित अभिषेक कुश रहे।
इस आयोजन में संत महामंडल की अध्यक्षा महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरि जी महाराज, राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद साध्वी प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष महन्त सर्वेश्वरी गिरि जी महाराज, संत प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, महन्त लक्ष्मीनारायण पुरी, स्वामी रंगनाथ पुरी, स्वामी रोशन पुरी के इलावा नगर के विधायक सुभाष सुधा, डॉ. पवन सैनी, धुम्मन सिंह किरमिच व नगर के गणमान्यजनों हंस राज कालड़ा , यजमान प्रोफेसर डॉ. जीवन बक्शी, विजय कौशिक, रजनी गोयल , पण्डित जय पाल शास्त्री , महाराज जी के सारथी पण्डित मनीष शर्मा, प्रेम मदान इत्यादि ने रुद्राभिषेक में भाग लिया।

error: Content is protected !!