गुरुग्राम शहर में भव्य शहीद सम्मान तिरंगा यात्रा निकाली गई जिसमें शिरकत करते हुए प्रमुख भूमिका सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने निभाई बताया गया कि यात्रा में उमड़े जनसमूह ने देश के ऊपर मर मिटने वालों को श्रद्धांजलि दी शहीदी स्मारक पर पुष्प अर्पित करके , अब सवाल यह उठता है कि दक्षिण हरियाणा के ही नहीं बल्कि विश्वविख्यात वीर योद्धा राव तुलाराम जी की शहादत को कैसे भुला दिया गया ?

1832 की जंगे आज़ादी में अपने प्राणों की आहुति देकर बलिदान होने वाले चौधरी गालम सिंह किल्होड़ को कैसे भुला दिया गया ?

1857 में जब अंग्रेज छावनियां जमाई जा रही थी उनकी चूले हिला देने वाले वीर योद्धा चौधरी बख्तावर सिंह जी को कैसे भुला दिया ?

1858 – 62 में गांव झाड़सा के बाहर बारमालट सेक्टर-31 के नाम से जिसे जानते हैं आप आज की तारीख में वहाँ जो अंग्रेजी छावनियों का पड़ाव था और जो ओल्ड जेलरोड कॉम्प्लेक्स तक जमा हुआ था उनसे जंगे-आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले सैंकडो आज़ादी के मतवालों को “कमला नेहरू पार्क ” में पेड़ों पर लटकाकर फांसियां दी गई थी – जी हाँ इतिहासकारों ने बुजुर्गों ने बताया था कि यही वो बलिदान की भूमि थी जहाँ आज हजारों लोग टहलने जाते हैं सुबह-शाम मगर उन्हें नहीं मालूम कि यहां भी कोई बलिदान हुआ था हो भी कैसे उनके नाम से कोई स्मारक जो बनाना भूल गए थे – जैसे समस्त भाजपा भूल गई चौधरी बख्तावर सिंह को जिन्हें आज के सिविल लाइंस स्थिति कंपनी बाग नजदीक मोर चौक पर फांसी दी गई थी – और जैसे राव इंद्रजीत सिंह जी भूल गए राव तुलाराम जैसे महान योद्धा को याद करना ।

लोगों में चर्चा यह भी है कि यह केवल शक्ति प्रदर्शन किया गया है और भाजपा के भीतर जो पद पाने की होड़ मचने के कारण फूट पड़ चुकी है उसे छिपाने का एक प्रयोग किया गया है वास्तव में शहीदों के प्रति सम्मान के भाव होते इनके तो यह यात्राएं उन शहीदों के घर जाती उनके परिजनों से मिलकर उनकी कोई परेशानियां तो नहीं और यदि है तो उनको दूर करने का कार्य करती न कि शहीदी स्मारक पर जाकर पुष्प अर्पित करने का स्वांग भरती , यदि भाजपा के नेताओं से पूछा जाए कि कितने शहीदों के नाम जानते हैं कितने स्वतंत्रता सेनानियों को जानते हैं उनकी सूची जारी करो तो वह सूची तक नहीं दिखा पाएगी भाजपा बात कर रहे हैं शहीदों को सम्मान देने की ।

इधर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ अपने बयानों में किसानों के आंदोलन को फीका पड़ गया है बता रहे हैं मगर यह नहीं बता पा रहे हैं कि हरियाणा में किसी भी जिले में रैलियां और सभाएँ नहीं कर पा रहे हैं किसान आंदोलन के चलते वो भी पूरा सरकारी अमला इस्तेमाल करने के बावजूद , चूंकि इन्हें अच्छे से ज्ञात है कि किसान तिरँगे का अपमान नहीं करते हैं और शहीदों के नाम पर तिरँगा यात्राएं निकालेंगे तो हर्गिज विरोध नहीं करेंगे इसलिए कर रहे हैं पाखंड अपने खोए वजूद को पाने के लिए छद्म राष्ट्रवाद का चोला ओढ़कर ।

तरविंदर सैनी (माईकल ) वार्डस कन्विनियर गुरुग्राम आम आदमी पार्टी के अनुसार तिरँगा यात्रा के दौरान ही सेल्फियां लेते समय पैरों तले तिरँगे का अपमान किया भाजपा के एक विधायक ने और दूसरे ने तो सार्वजनिक रूप से बयान दिया कि तिरँगे का अपमान सभी को करना चाहिए , यह इनकी भाषणशैली है मगर सच्चाई यह है कि भाजपाई तिरँगे का सम्मान तो तब करें जब संघ करे और जबतल्क संघ नहीं करता तबतल्क भारतीय जनता पार्टी के द्वारा तिरँगे का किया जाने वाला सम्मान किसी स्वांग से कम नहीं और यदि भाजपा वास्तव में सम्मान करती है तो उसे सर्वप्रथम संघ कार्यालयों पर जाकर राष्ट्रीय झँडे को लगाना चाहिए और नमन करवाना चाहिए राष्ट्रीय गीत जन मन गण अधिनायक जया हे गाकर !

शहीदों के सम्मान में निकाली जाने वाली तिरँगा यात्रा का सम्मान सभी को करना चाहिए मगर जब ऐसे अहम मौको पर ही जनप्रतिनिधियों द्वारा वीर शहीदों की शहादतों को ही भुला दिया जाएगा तो दिल दुखी होना सौभाविक है ।।

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