सरकार की अनदेखी पर किसानों ने जताया विरोध चरखी दादरी जयवीर फोगाट 11 अगस्त,कपास और बाजरे की फसल बर्बादी को लेकर उपमंडल के गांव रामबास में आज किसानों ने किसान कांग्रेस नेता राजू मान की अगुवाई में विरोध जताते हुए सरकार से स्पेशल गिरदावरी की मांग की। इस दौरान राजू मान ने कहा कि 9 अगस्त को तेज अंधड़ और बारिश के चलते रामबास, रुदडौल, बेरला, मांढी, उमरवास, जीतपुरा, हुई, जगरामबास, हड़ौदी, डोहकादीना समेत दर्जनों अन्य गांवों में कपास और बाजरे की फसल बर्बाद हो गई है पर सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक कोई अधिकारी उनकी बर्बाद फसलों को देखने नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा की आड़ में किसानों के खातों से बीमा राशि काट प्राइवेट बीमा कंपनियों को मालामाल जरूर कर दिया है पर इस संकट के दौर में किसान दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि अंधड़ ने बिजली के पोल गिरा दिये हैं जिससे खेतों में रह रहे लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि सालों से पाले पोसे पेड़ जड़ों समेत उखड़ गए हैं और कई फार्मों की सीमेंट की चद्दर चकनाचूर हो गयी हैं। मान ने कहा कि किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने सरकार से सभी प्रभावित किसानों को कपास का प्रति एकड़ 40 हजार रुपये और बाजरे की नष्ट फसल का 30 हजार रुपए मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि सरकार को अविलंब स्पेशल गिरदावरी के आदेश जारी करने चाहिए। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई तेल की कीमतों के साथ महंगाई ने किसानों की कमर पहले से ही तोड़ रखी थी रही सही कसर कपास और बाजरे की फसल की बर्बादी ने पूरी कर दी है। उनके आगे अपने बच्चों के लालन पालन का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि किसान की फसल पर पूरी लागत लग चुकी है। इसलिए सरकार ने अगर जल्दी सुध नहीं ली तो कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेगी और सरकार को झुकने पर विवश कर देगी। इस अवसर पर सरपंच मेवा सिंह, कश्मीर, रामकुमार, मीरसिंह, पृथ्वी सिंह, विनोद कुमार, राजेन्द्र नम्बरदार, संजय, शेर सिंह, जयसिंह, अशोक कुमार, अनिल, जगदीश, सतीश, रमेश, अंकित, नृपेंद्र, कुलदीप, सज्जन इत्यादि मौजूद थे। Post navigation हाईकोर्ट के सीटिंग जज की जांच से ही सच आएगा सामने : नरसिंह डीपीई महिलाएं बोली- सरकार की हठधर्मिता के कारण त्यौहार रोड़ पर मनाने को मजबूर