पंजाब में कांग्रेस हाईकमान द्वारा नवजोत सिद्धू को अध्यक्ष बनाने के फैसले का बड़ा असर हरियाणा में कांग्रेस के प्रदर्शनों में 7 साल में पहली बार शामिल हुए हुड्डा समर्थक खेमे के नेता चंडीगढ़। पंजाब में सीएम अमरिंदर सिंह की चेतावनी को दरकिनार करके नवजोत सिद्धू को पंजाब प्रदेश अध्यक्ष बनाने का कांग्रेस हाईकमान का दांव पूरी तरह स्टिक बैठा है। अमरेंद्र सिंह के अहंकार को तोड़ने के बाद पूरे देश के बाहुबली कांग्रेसी नेताओं में हड़कंप मच गया है। पंजाब के फैसले का हरियाणा पर सीधा असर हुआ है। 7 साल तक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के खेमे के नेता पांच साल अशोक तंवर और अब 2 साल से कुमारी शैलजा के साथ एक बार भी सड़कों पर साथ देते नजर नहीं आए लेकिन आज भाजपा सरकारों की जनविरोधी नीतियों और फैसलों के खिलाफ हुए रोष प्रदर्शन में पूरे हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा के खेमे के नेता पहली बार पार्टी के साथ सड़क पर नजर आए। फरीदाबाद और पलवल में कांग्रेस पर प्रभारी विवेक बंसल और प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा की अगुवाई में हुए रोष प्रदर्शन में पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल, विधायक नीरज शर्मा, रघुवीर तेवतिया,पूर्व विधायक आनंद कौशिक, पूर्व विधायक ललित नागर, पूर्व विधायक रघुवीर सिंह तेवतिया, पूर्व विधायक उदयभान, इजराइल चौधरी, विजय प्रताप सिंह, लखन सिंगला, बलजीत कौशिक, प्रदेश प्रवक्ता योगेश ढींगरा, सुमित गौड़, गौरव ढींगरा, राकेश भड़ाना, महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष सोनू चौधरी, एडवोकेट संजीव चौधरी, मनोज अग्रवाल, अब्दुल गफ्फार कुरैशी, रिंकू भड़ाना, बाबू लाल रवि, एडवोकेट वंदना सिंह, डॉ. सौरव शर्मा, महेश ढिल्लन, डॉ. गौतम पराग, एडवोकेट मनोज अरोड़ा, अशोक रावल, विनोद कौशिक, भारत अरोड़ा, डॉ. एस.एल. शर्मा, ललित भड़ाना, अनीश पाल, राजेश आर्या, सुनीता फागना सहित दो दर्जन हुड्डा समर्थक नेता साथ रहे। वही फतेहाबाद में भी भूपेंद्र हुड्डा समर्थक पूर्व मंत्री परमवीर सिंह भी 7 साल बाद पहली बार कांग्रेस के लिए कांग्रेस के झंडे के नीचे पूर्व विधायक बलवान दौलतपुरिया और कृष्णा पूनिया के साथ नजर आए। सार यह है कि पंजाब में दिए गए फैसले के कारण हुड्डा समर्थक बेचैन हो गए हैं और उन्हें अपने सियासी भविष्य की चिंता सताने लगी है। कांग्रेस हाईकमान द्वारा पार्टी के प्रति निष्ठावान नेताओं को आगे के का फैसला लेने से विरोधी नेताओं के पसीने छूट गए हैं और उन्हें लग रहा है कि अगर उन्होंने पार्टी के साथ में अपनी निष्ठा नहीं दिखाई तो उनको भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसलिए 2 सप्ताह पहले कुमारी शैलजा को हटाने की मांग करने वाले हुड्डा समर्थक विधायक आज उन्हीं की अगुवाई में भाजपा सरकारों के खिलाफ प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए। Post navigation आईएएस नितिन यादव की पत्नी 2 महीने से नहीं जा रही थी ड्यूटी इनेलो ने महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यकारिणी में की नई नियुक्तियां