कोविड-19 की आशंकित तीसरी लहर के गुरुग्राम जिला में फिलहाल कोई संकेत नही, अफवाहों पर ध्यान ना दे जिलावासी

– बिना तथ्यों की पड़ताल के कोरोना संबंधी टिप्पणी करने से बचे अस्पताल

 – कोविड 19 के पोर्टल पर सही व सटीक डाटा अपडेट करे अस्पताल-सिविल सर्जन 

गुरुग्राम,04 अगस्त।  कोरोना की आशंकित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर आ सकती है, इस बारे में  आशंका जताई जा रही है लेकिन गुरुग्राम जिला में  फिलहाल इसके कोई संकेत नही है और स्थिति नियंत्रण में है। सिविल सर्जन डॉक्टर वीरेंद्र यादव ने आज निजी अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों का आवाहन करते हुए कहा कि वे बिना तथ्यों की पड़ताल किए कोरोना संबंधी बयानबाजी करने से बचें । 

वे आज लघु सचिवालय में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए गठित जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। यह बैठक लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित की गई थी। सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने कहा कि हम सभी को संयुक्त प्रयास करते हुए इस महामारी से लड़ना है। इसके संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में लोगों का निरंतर टीकाकरण भी किया जा रहा है।विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर के संबंध में जताई जा रही आशंकाओं के विषय पर बोलते हुए डॉ यादव ने कहा कि अभी जिला में इसके कोई संकेत नही है।  अस्पताल प्रबंधन इस विषय पर तथ्यों की जांच पड़ताल किए बिना किसी प्रकार की टिप्पणी ना करे। ऐसा करने से लोगों में भय की स्थिति उत्पन्न होती है और अफवाहों को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन विशेष रुप से ध्यान रखें कि कोविड-19 के सबंध में किसी भी प्रकार की टिप्पणी तथ्यों को वेरीफाई किए बगैर ना करें।

 डॉ यादव ने बैठक में उपस्थित निजी अस्पतालों के सभी प्रतिनिधियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी अस्पताल कोविड 19 से सम्बंधित तीनो पोर्टल नामतः एस3 पोर्टल, जीएमडीए व ऑक्सीजनएचआरवाई पर ऑक्सीजन, वेंटिलेटर व आईसीसीयू आदि की उपलब्धता संबंधित अपडेटेड जानकारी दर्ज करे ताकि किसी भी आपात स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बेहतर रणनीति बनाई जा सके।

इसके अलावा, उन्होंने अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने यहां इलाज के लिए भर्ती व्यक्ति का संदेह होने पर ही उसका कोरोना टेस्ट करवाये, व्यर्थ में ही किसी मरीज का बार- बार कोविड-19 टेस्ट ना करवाएं। इसके अलावा, अस्पताल प्रबंधन विशेष रुप से ध्यान रखें कि बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान ठीक ढंग से हो। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के संज्ञान में आया है कि अस्पतालों में बायो मेडिकल वेस्ट के निपटान में कोताही बरती जा रही है, ऐसे में जरूरी है कि अस्पताल इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें की बायो मेडिकल वेस्ट वहां रखे गए डस्टबिन में ही डाला जाए।

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