बचे हुए फ्रंटलाइन व हैल्थकेयर वर्करों को वैक्सीन की दोनो डोज लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया एक्शन प्लान

– स्पूतनिक की पहली डोज जिस केन्द्र पर लगी थी, दूसरी डोज भी वहीं लगेगी।

 – पहली डोज के कैंप वाले स्थान पर ही दूसरी डोज के लिए कैंप लगेगा-सिविल सर्जन 

गुरूग्राम, 4 अगस्त।* जिला में जिन फ्रंटलाइन वर्करों व हैल्थकेयर वर्करों को कोरोना से बचाव की वैक्सीन की दोनो डोज अभी तक नही लगी हैं, वे अपनी दोनो डोज लगवाना सुनिश्चित करें। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक्शन प्लान तैयार किया है। एक्शन प्लान के तहत उन्हें टीकाकरण करवाने के लिए प्रेरित करते हुए उनका टीकाकरण करवाया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने सभी निजी व सरकारी अस्पतालों में कार्यरत हेल्थ वर्करों  और अन्य फ्रंटलाइन वर्करों को दोनो डोज लगवाने के लिए 15 अगस्त तक की समय सीमा निर्धारित कर दी है । 

वे आज लघु सचिवालय में कोविड-19 संक्रमण  की रोकथाम को लेकर गठित जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला में वर्तमान में 50,185 हैल्थकेयर वर्कर पंजीकृत है  इनमें से 43539 वर्करों को पहली डोज तथा 39657 को दूसरी डोज लग चुकी है।  इसी प्रकार जिला में 54,437 फ्रंटलाइन वर्कर पंजीकृत हैं इनमें से 45369 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज़ तथा 33644 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लग चुकी है।उन्होंने हैल्थकेयर वर्करों संबंधी विषय पर कहा कि ऐसी भी संभावना है कि वे स्थानांतरित हो गए हो अथवा उन्होंने स्वयं से दूसरी डोज कहीं और लगवा ली हो, या वह आउटसोर्सिंग पर लगाया गया हो अथवा अन्य किसी कारण से उसका डेटा पोर्टल पर पेंडिंग दिखा रहा हो, ऐसे लोगों से संपर्क करते हुए उनसे वैक्सीनेशन संबंधी जानकारी प्राप्त की जाएगी और यदि उन्होंने दूसरी डोज ले ली है तो उन्हें पोर्टल से डिलीट किया जाएगा। 

फ्रंटलाइन वर्करों संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि फं्रटलाइन वर्करों के टीकाकरण के लिए जिला में टीमें गठित की जाएगी। उन्होंने बैठक में उपस्थित टीकाकरण के नोडल अधिकारी डा. एम पी सिंह से कहा कि वे फ्रंटलाइन वर्करों के टीकाकरण के लिए टीम बनाये और विभागो से  तालमेल स्थापित करते हुए वैक्सीनेशन करवाएं। एक दिन में दो विभागों को कवर किया जाएगा। इसके लिए सुबह व सांय वैक्सीनेशन के लिए सत्र लगाए जा सकते हैं ताकि विभाग वैक्सीनेशन से वंचित रह गए फ्रंटलाइन वर्करों को पहले से बुलाकर रखें। इसके लिये संबंधित क्षेत्र के मैडिकल अधिकारी की जिम्मेदारी लगाई जा सकती है कि वे फ्रंटलाइन वर्कर को टीकाकरण के लिए प्रेरित करे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि जिन लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, वे दूसरी डोज भी समय रहते लगवा लें। 

उन्होंने निजी अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि अस्पतालों द्वारा जिला में जहां भी वैक्सीन की पहली डोज के लिए कैंप लगाए गए थे, उन्हीं स्थानों पर दूसरा कैंप लगाते हुए लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि वे इन कैंपों की योजना बनाकर स्वास्थ्य विभाग को इसकी रिपोर्ट देना सुनिश्चित करें। 

जिला में वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी एवं उप सिविल सर्जन डा. एम पी सिंह ने बताया कि जिला में अब तक लगभग 18 लाख 59 हजार लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है जिसमें से लगभग 14 लाख 28 हजार लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। वर्ष -2011 की जनगणना के अनुसार जिला की कुल आबादी लगभग 17 लाख 41 हजार है। इसे आधार मानते हुए जिला में लगभग 76.8 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की पहली डोज तथा 30.2 प्रतिशत आबादी को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। एक अध्ययन के अनुसार वर्तमान में जिला की आबादी 28 से 30 लाख आंकी जा रही है। इस प्रकार, जिला में लगभग 10 से 12 लाख लोगों को और वैक्सीनेट किया जाना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोजाना लगभग 20 हजार लोगों को वैक्सीनेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीन की और अधिक खेप मिलने जा रही है, जिसके बाद टीकाकरण अभियान को और तेजी से चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आमजन की सुविधा को देखते हुए 31 मई के बाद सभी टीकाकरण केन्द्रों पर आॅफलाइन वैक्सीन लगाई जा रही है।

स्पूतनिक वैक्सीन के बारे में डा. एम पी सिंह ने बताया कि जो व्यक्ति इस वैक्सीन की पहली डोज जिस केन्द्र पर लगवा रहा है , उसे इसकी दूसरी डोज भी उसी केन्द्र पर लगाई जाएगी। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति इस वैक्सीन की पहली डोज निजी केन्द्र पर लगवा रहा है तो इसकी दूसरी डोज भी व्यक्ति को निजी केन्द्र पर ही लगवानी होगी। बैठक में जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ जयप्रकाश भी उपस्थित थे।

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