यमुना नदी में हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी करनाल पहुंच गया है. यमुना नदी से जुड़े हुए खेतों में पानी पहुंचने से सब्जियों और फसलों को नुकसान हुआ है. इधर दिल्ली में भी यमुना खतरे के निशान से थोड़ा नीचे है. हथिनीकुंड का यह पानी दिल्ली भी आएगा.

करनाल –  इस बार जबरदस्त बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से नदियों में पानी का लेबल बहुत बढ़ गया है. यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से 1 लाख 60 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया था, जो करनाल होते हुए दिल्ली जाएगा. यह पानी करनाल पहुंच चुका है जिसका असर यमुना से लगते खेतों में देखने को मिल रहा है. यमुना के साथ लगते खेतों में पानी प्रवेश कर चुका है. इस पानी के पहुंचने की वजह से खेतों में खड़ी सब्जियां और धान की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. गढ़पुर टापू जो यमुना नदी के नजदीक पड़ता है, वहां खेतों में अपनी फसल के पास पहुंचने के लिए किसानों को ट्यूबों का सहारा लेना पड़ रहा है. अभी ये पानी कम मात्रा में छोड़ा गया है, अगर ज्यादा मात्रा में छोड़ा जाता है, तो और खेतों में भी पानी पहुंच जाएगा. साथ ही साथ गांवों में भी पानी के पहुंचने का डर हो जाएगा और बाढ़ जैसी स्थिति हो जाएगी.

इस बीच, दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि यमुना नदी खतरे के निशान से थोड़ा नीचे है. अगले 24 घंटे में खतरे के निशान तक पहुंच सकती है. यह इसपर निर्भर है कि हथिनी कुंड से कितना और पानी छोड़ा जाता है. पहाड़ों में लगातार बारिश हो रही है जिससे पानी बढ़ रहा है. वैसे, दिल्ली सरकार ने पूरी तैयारी की है.

प्रशासन भले ही हर बार ये दावा करता हो कि अगर हथिनि कुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़ा जाता है तो करनाल में पूरी तैयारी है. पर किसानों का क्या, वे तो अपने खेतों में लगाई फसल और सब्जियों पर आश्रित होते हैं. अगर उनका नुकसान होता है तो फिर कुछ मुआवजा तो मिलना चाहिए. साथ ही साथ ये भी बात किसानों की तरफ से कही जाती है कि प्रशासन ने नावों का भी इंतजाम नहीं कर रखा.

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