आज बुधवार को 216वें दिन हुए टोल पर धरने को चरखी दादरी जयवीर फोगाट 28 जुलाई,संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे धरने में भारी वर्षा के बाद भी सैंकड़ों किसान, मजदूर व महिलाएं डटे रहे। बारिश इतनी ज्यादा थी कि धरने के चारों तरफ पानी ही पानी चल पड़ा। बारिश के बीच ही भीगते हुए सांगवान खाप-40 के प्रधान व दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि यह किसान मजदूरों का आंदोलन के प्रति इतना दृढ निश्चय ही है कि वे भारी वर्षा की परवाह ना करते हुए भी भीगे कपड़ों के साथ पंडाल में शांति से बैठकर अपना कार्यक्रम चला रहे हैं। इतना बड़ा और लंबा शांतिपूर्ण आंदोलन जिंदगी में नहीं देखा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जासूसी पैगासस स्पाईवेयर, किसान आंदोलन, महंगाई व बेरोजगारी जैसे मुद्दो से घिर गई है।और सरकार जान-बूझकर संसद को चलने नहीं देना चाहती है। कहा की जनता के इन मुद्दों का समाधान करने की उसकी इच्छा शक्ति नजर नहीं आ रही और संसद न चलने देने का आरोप विपक्ष पर लगाकर जनता को भ्रमित कर रही है जो सफल नहीं होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पूंजिपतियों के चंगुल में फंसकर जनता की सुध लेना भूल गई है और कोई नेता, संगठन उसको उन द्वारा किए गए वायदों की याद दिलाते हैं, तो उनकी जासूसी कराकर देशद्रोही घोषित करके जेलों में डाला जा रहा है। लोकलाज का मजाक उड़ाया जा रहा है। उन्होंने पैगासस जासूसी कांड की स्वतंत्र जांच कराए जाने की मांग की है। बुधवार को 216वें दिन टोल पर धरने की अध्यक्षता सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, फौगाट खाप से धर्मबीर समसपुर, श्योराण खाप से बिजेंद्र बेरला, किसान सभा से प्रताप सिंह सिंहमार, युवा कल्याण संगठन से कमल प्रधान, किसान नेता गंगाराम श्योराण, मा. राजसिंह जताई, ओमप्रकाश दलाल व महिला नेत्री संतरा डोहकी व प्रेमलता शर्मा ने संयुक्त रूप से की। मंच संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया। धरने में सुरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जा नगर, मीरसिंह निमड़ीवाली, सुखदेव पालुवास, सुबेदार सतबीर कितलाना, रामफल देशवाल, रणधीर कुंगड़, समुंद्र सिंह धायल, मंगल सूई, शब्बीर हुसैन, प्रो. जगविंद्र सांगवान, कप्तान रामफल डोहकी, कृष्ण सांगवान अटेला, महिपाल छपार, कमल झोझू, सत्यवान कालूवाला, बलजीत मानकावास, परमजीत फतेहगढ़, मुकेश शर्मा ढ़ाणीमाहु, पवन कुमार बिश्रोई सहित अनेक किसान मौजूद रहे। Post navigation राजदीप फौगाट ने गांव अचीना और बास में सुनी ग्रामीणों समस्याएँ, समाधान का दिया आश्वासन भारी वर्षा के बावजूद भी किसान, मजदूरों व महिलाओं ने सरकार के खिलाफ की नारेबाजी