अंडर पास निर्माता ठेकेदार कंपनी का ठेका रद्द करना रेलवे के लिए चुनौती !

ठेकेदार को दी गई एक सप्ताह की चेतावनी शुक्रवार को हुई समाप्त.
पटौदी रेलवे स्टेशन के फाटक 46सी पर अंडर पास का यह मामला.
टेंडर लेने वाली एजेंसी का ठेकेदार मौका मुआयना कर हुआ रवाना

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
  दिल्ली-रेवाड़ी रेल खंड पर पटौदी रेलवे स्टेशन के साथ फाटक  46 सी पर अंडरपास का निर्माण आरंभ करवाना रेलवे प्रशासन के लिए अब बड़ी चुनौती बन गया है । इससे भी बड़ी चुनौती अंडर पास का निर्माण कार्य बीच में ही छोड़कर गायब होने वाले ठेकेदार का ठेका कैंसिल करने की बन गई है। करीब एक सप्ताह पहले रेलवे प्रशासन और रेलवे अधिकारियों के  संज्ञान में अंडर पास का कार्य ठप मामला लाया गया । इधर मानसून सिर पर आ चुका है और एक दो बार बरसात भी हो चुकी है । बरसात होने से अंडरपास बनाने के लिए हजारों वर्ग फुट गहरा खड्डा खोजने के बाद ठेकेदार और यहां काम करने वाले कारिंदे फरवरी माह के बाद से दिखाई ही नहीं दे रहे हैं ।

बरसात होने पर जिस तेजी से आसपास की मिट्टी का कटाव होकर बरसाती पानी गहरे खड्डे में भरता है उसको देखते हुए आसपास के बने हुए मकानों पर भी गिरने का खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है । कथित रूप से ठेकेदार के द्वारा एक व्यक्ति के प्लाट में ही लंबा चैड़ा गहरा खड्डा खोद कर छोड़ दिया गया। कथित रूप से इस मामले को लेकर जमीन मालिक के द्वारा एतराज भी किया गया , वही कथित रूप से उच्चाधिकारियों तक शिकायत भी की जा चुकी है । दैनिक रेल यात्री संघ पटौदी के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह चैहान के मुताबिक 15 फरवरी को करीब 3 करोड रुपए की लागत वाले जाटोली फाटक पर अंडर पास का निर्माण कार्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा करवाया गया । लेकिन इसके बाद से यहां पर काम पूरी तरह से ठप हो चुका है । बार-बार रेलवे अधिकारियों सहित केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के संज्ञान में मामला लाया जाने के बाद भी निर्माण कार्य आरंभ नहीं हो पा रहा है ।

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार दोपहर के समय अंडरपास निर्माता कंपनी का ठेकेदार मौका मुआयना के लिए पहुंचा और मानसून का तर्क देते हुए कहा कि सितंबर माह तक ही इसका काम आरंभ हो सकेगा। वही ठेकेदार का यह भी कहना है कि जिस डिजाइन में अंडरपास को बनाया जाना है उसके बीच में रेलवे लाइन के साथ रेलवे लाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन के रेलवे लाइन के साथ में बिछे हुए केबल भी निर्माण में बड़ी बाधा साबित होंगे । रेलवे लाइन के साथ बिजली के तार और केवल हटाने के बाद ही काम में तेजी लाई जा सकेगी । लेकिन सबसे बड़ा और गंभीर चिंता का विषय यही है कि जिस स्थान पर अंडरपास को बनाने के लिए लंबा चैड़ा गहरा गड्डा खोदकर छोड़ दिया गया है , वह एक व्यक्ति का अपना निजी प्लाट है । कथित रूप से प्लाट में से बड़ी मात्रा में मिट्टी की खुदाई किया जाना भी एक विवाद का कारण बना हुआ है । अब देखना यह है कि रेलवे प्रशासन और रेलवे अधिकारियों के द्वारा संबंधित ठेकेदार को काम आरंभ करने का एक सप्ताह का दिया गया है समय समाप्त हो चुका है , तो अब ऐसे में रेलवे अधिकारी और रेलवे प्रशासन किस प्रकार से जाटोली फाटक के अंडरपास का निर्माण कार्य आरंभ करवाने की रणनीति पर अमल करते हुए लोगों को राहत दिलवाने की पहल कर सकेंगे ।

गौरतलब है कि पटौदी रेलवे स्टेशन पर जाटोली फाटक पर कई कई घंटों तक गुड्स ट्रेन खड़ी रहती हैं। जिसके कारण फाटक बंद होने पर बच्चों बुजुर्गों महिलाओं सहित आम आदमी के लिए जाटोली और हेली मंडी की तरफ आवागमन जान को जोखिम डालने के लिए मजबूर बना देता है । क्यों कई बार जहां फाटक पर 2-2 गुड्स ट्रेन खड़ी रहती हैं।  स्पेशल एक्सप्रेस व अन्य ट्रेन बिना रुके पटोदी स्टेशन से होकर निकलती हैं । ऐसे में मजबूरी में लोगों को गुड्स ट्रेन के ऊपर , डिब्बों के जोड़ या फिर नीचे से आवागमन करते समय अचानक आने वाली ट्रेन के कारण किसी भी प्रकार की अनहोनी का डर हमेशा सताता रहता है।

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