कितलाना टोल धरने के 193वें दिन किसानों का ऐलान- मानसून सत्र में करेंगे संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन चरखी दादरी जयवीर फोगाट 5 जुलाई, – संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर संसद के होने वाले मानसून सत्र में होने वाले विरोध प्रदर्शन में युवा कल्याण संगठन डटकर किसानों का साथ देगा। इस बात का ऐलान संगठन के संरक्षक कमल सिंह ने कितलाना टोल पर धरने को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि युवा कल्याण संगठन हर हाल में तीन काले कानून रद्द होने तक देश के अन्नदाताओं के साथ बना रहेगा। उन्होंने कहा कि युवा कल्याण संगठन ना केवल किसानों मजदूरों को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराएगा बल्कि आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहंकार में भरे पड़े हैं यही वजह है कि किसान आंदोलन को चले 7 महीने से भी अधिक समय हो गया है और इस बीच 500 से ज्यादा किसान शहादत देखते हैं दे चुके हैं। उसके बावजूद प्रधानमंत्री की आंखें नहीं खुली है। उनमें जरा भी नैतिकता बची है तो संसद संसद के मानसून सत्र में बैठक के दौरान तीनों काले कानून रद्द करने के साथ एमएसपी की गारंटी देने की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान मजदूर एकजुटता से इस जनांदोलन को सफलता के शिखर तक लेकर जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर धरने के 193वें दिन खाप सांगवान के कन्नी प्रधान सुरजभान सांगवान, फौगाट खाप के धर्मबीर समसपुर, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, कमल प्रधान, मीरसिंह नीमड़ीवाली, संतोष देशवाल, रतन्नी डोहकी, राजबाला कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसान आंदोलन को लेकर जो टिप्पणी की है वो बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को आंदोलनकारी मुट्ठी भर नजर आ रहे हैं तो उन्हें बॉर्डर पर एक राउंड लगाकर देखना चाहिए। इसके लिए उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। धरने का मंच संचालन सुरेन्द्र सरपंच कुब्जानगर ने किया। इस अवसर पर आजाद सिंह अटेला, सूबेदार सतबीर सिंह, सत्यवान कालुवाला, मास्टर कर्ण सिंह, जगदीश हुई, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, समुन्द्र सरपंच कितलाना, बलजीत मानकावास, राजवीरेंद्र कालुवाला, कमल सिंह झोझू, कप्तान रामफल डोहकी इत्यादि मौजूद थे। Post navigation गांधीनगर में जन स्वास्थ्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर का फूंका तीसरा पुतला गांव ढ़ाणी फौगाट से किसानों का जत्था टिकरी बॉर्डर पर खाद्य सामग्री के साथ पहुंचा