कहा, कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर अस्पताल समय रहते तैयारी करें पूरी, सही डेटा उपलब्ध करवाने के लिए 10 जुलाई तक का दिया समय।
स्टाफ को करें प्रशिक्षित, निर्धारित सभी बिंदुओं पर गंभीरता से काम करते हुए करें तैयारी

गुरूग्राम, 2 जुलाई । कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए उपायुक्त डा. यश गर्ग ने आज सभी सरकारी व निजी अस्पताल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उन्हें इस संबंध में सभी तैयारियां समय रहते पूरी करने के निर्देश दिए। बैठक में सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव भी उपस्थित थे।

उपायुक्त ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर का स्वरूप कैसा होगा, यह कहना मुश्किल है लेकिन हमें दूसरी लहर के दौरान आई समस्याओं से सीख लेते हुए भविष्य के लिए तैयारी करना अत्यंत आवश्यक है। अस्पतालों को चाहिए कि वे जिला प्रशासन द्वारा उनके अस्पताल संबंधी मांगी गई जानकारी का सही डेटा जैसे आक्सीजनयुक्त कोविड बैड, आईसीयू, वैंटिलेटर, पीडियाट्रिक्स संबंधी प्रबंधन आदि सहित अन्य जानकारी उपलब्ध करवाएं।

अस्पतालों को सही जानकारी देने के लिए 10 जुलाई तक का दिया समय, डेटा गलत पाए जाने पर कार्यवाही होना तय।

उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा कोविड अस्पतालों में बैडों की उपलब्धता सहित अन्य जानकारी देने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया था जिनमें से कुछ अस्पतालों द्वारा दी गई जानकारी संदिग्ध है तथा कुछ अस्पतालों ने अभी तक जिला प्रशासन को डेटा उपलब्ध नही करवाया है। ऐसे अस्पतालों को जिला प्रशासन द्वारा 10 जुलाई तक का समय दिया गया है कि वे मांगी गई जानकारी का सही डेटा जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल आॅक्सीजनयुक्त बैडों को ही कोविड बैडों की श्रेणी में रखा जाएगा। डेटा गलत पाए जाने पर संबंधी अस्पताल से जिला प्रशासन सख्ती से निपटेगा, इस मामले में लापरवाही कतई बर्दाश्त नही की जाएगी। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के दौरान जिला में कोविड के 5500 से 6000 बैडों की जरूरत का अनुमान लगाया जा रहा है, इसलिए यह जरूरी है कि अस्पताल सही जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाए।

आक्सीजन की पूर्ति को लेकर अस्पताल पहले से तैयारी करें पूरी।

उपायुक्त ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान आॅक्सीजन की कमी अत्यधिक महसूस की गई। ऐसे में जरूरी है कि अस्पताल अपने यहां पीएसए प्लांट, डी-टाईप सिलेंडर सहित अन्य इंतजाम समय रहते सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण की संभावना अधिक जताई जा रही है। ऐसे में जरूरी है कि अस्पताल प्रबंधन अपने यहां बच्चों के ईलाज को लेकर स्टाफ को प्रशिक्षित करें क्योंकि यदि तीसरी लहर आती है तो कम से कम स्टाफ की कमी से ईलाज में परेशानी ना हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों को भी आयु वर्ग के अनुसार अलग-अलग श्रेणी में बांटते हुए काम किया जाएगा जिनके लिए गाइडलाइन्स भी आ चुकी हैं। तीसरी लहर को लेकर हमें किसी प्रकार का जोखिम नही उठाना चाहिए और समय रहते सभी तैयारियां पूरी करनी चाहिए।

एक टीम की तरह करेंगे काम, एक दूसरे का सहयोग करते हुए निपटेंगे भविष्य की चुनौतियों से।

उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से अपील करते हुए कहा कि हमें एकजुटता के साथ एक टीम की तरह काम करना है। जिला प्रशासन अस्पतालों को हर संभव मदद देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि यदि हम एक दूसरे का सहयोग करते हुए आगे बढ़ेंगे तो निश्चित तौर पर हम भविष्य में आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी हमारें पास तैयारियों के लिए समय है, इसलिए जरूरी है कि सभी विषय की गंभीरता समझते हुए काम करें। उन्होंने आशा जताई कि गुरूग्राम भविष्य में कोविड मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नही आने देगा।

ये रहे उपस्थित –

बैठक में निजी व सरकारी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के अलावा सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव, डा. अनुज, उप सिविल सर्जन डा. एम पी सिंह, जिला सर्विलांस अधिकारी डा. जयप्रकाश सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

error: Content is protected !!