मोदी अहंकार में चूर  लेकिन अंदर से घबराए हुए : योगेंद्र यादव
कितलाना टोल पर महापंचायत में 12 प्रस्ताव पास, 44 डिग्री का तापमान बेअसर उमड़ा जनसैलाब

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

29 जून, तीन काले कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे धरनों को ताकत देने के लिए जुलाई महीने में इलाके की खापें और अन्य संगठन मिलकर एक साथ कूच करेंगे। ये ऐलान दादरी से निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान ने आज कितलाना टोल पर आयोजित सर्वजातीय सर्वखाप महापंचायत की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि सरकार किसान- मजदूरों की ताकत को कम आंक रही थी लेकिन यहां भयंकर गर्मी के बाद उमड़े जन सैलाब ने दिखा दिया है कि अब किसान- मजदूर अपने हकों को लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन की अगुवाई जहां संयुक्त किसान मोर्चा करेगा वहीं खापें सहयोग और निगरानी का काम करेंगी।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अहंकार से भरे पड़े हैं पर अंदर से घबराए हुए हैं। किसान आंदोलन में उन्हें हिलाकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को तीन काले कानूनों को रद्द करने का फैसला सुनाने में शर्म महसूस हो रही है पर भूल रहे हैं इसी जनता के कारण वो सत्ता के शीर्ष पर हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पहला इंजेक्शन बंगाल की जनता ने लगा दिया है अगली डोज यूपी से मिलेगी। उन्होंने कहा कि 70 साल में पहली बार देश के किसान मजदूर एकजुट हुए हैं और उन्होंने अपनी मजबूती का एहसास राजनैतिक दलों को करा दिया है। उन्होंने कहा कि किसान की ताकत के कारण आगे से उनसे कोई पंगा लेने की जुर्रत नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन के कारण किसानों का आत्म सम्मान लौटा है और आंदोलन सफल हो गया है।

महापंचायत में अध्यक्षता कर रहे सोमबीर सांगवान ने 12 प्रस्ताव रखे जिसमें बिना देरी के तीनों काले कानून रद्द कर एमएसपी की गारंटी देने का कानून  बनाने की मांग रखी। इसके साथ बिजली संशोधन मसौदा 2020 वापिस लेने, चारों लेबर कोड निरस्त करने, हरियाणा विधानसभा द्वारा हाल ही में बनाए गए संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून को रद्द करने की बात प्रमुखता से रखी। आंदोलन के दौरान शहादत देने वाले सभी किसान-मजदूरों में से हर परिवार को 50 लाख मुआवजा देने और परिवार में से एक को स्थाई रोजगार देने की मांग रखी गई। पॉवर ग्रिड और हरियाणा बिजली वितरण निगम की लाइन जहां भी बिछ रही हों वहां किसानों को बाजार के हिसाब से मुआवजा मिलने या उचित रेंट का प्रावधान करने के मुद्दे पर महापंचायत में सहमति जताई गई। 

सार्वजनिक क्षेत्र जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रेलवे, परिवहन, ऊर्जा, आयुध और वित्तीय का निजीकरण रोक लगाने और रोजगार को बढ़ावा देने की मांग के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत कम होने के बावजूद पेट्रोल,डीजल की कीमतें आसमान को छूने पर बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए इन पर लगे टैक्स को कम करते हुए आम जनता को राहत देने की बात कही गई। दिल्ली बॉर्डर पर जुलाई महीने में एक साथ जाएंगे। सरकारी और गैर सरकारी उपयोग के लिए होने वाले भूमि अधिग्रहण के लिए कलेक्टर रेट के चार गुणा मुआवजा देनेके साथ किसानों के कर्जे माफ करने की मांग पर उपस्थित लोगों ने दोनों हाथ उठाकर सहमति जताई।

44 डिग्री तापमान और भारी उमस के बावजूद 5 घंटे चली महापंचायत में हजारों की संख्यों में उमड़े किसान- मजदूरों  को 50 से अधिक खापों के प्रधानों और सचिवों व अन्य संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया। जिसमें बलवन्त नम्बरदार, नरसिंह डीपीई, बिजेंद्र बेरला, सुमित दलाल, गंगाराम श्योराण, राजू मान, जोगेंद्र नैन, कमल प्रधान, सदानंद सरस्वती, कश्मीर जाखड़, सुरेन्द्र सोलंकी, अमित सांगवान, महासिंह कालीरावन, रणधीर मोर, सतबीर प्रधान, सूबे सिंह सामैण, कप्तान रणधीर चहल, राजबाला धनाना, सुदेश गोयत, अनीता सिहाग, अशोक मलिक, विनोद गुलिया, कुलदीप फौजी, राजबीर शास्त्री, कमलेश भैरवी, संतोष देशवाल, सुशील धानक, फूल कुमार पेटवाड़, सुरेश नांदल, हरदीप अहलावत, धर्मपाल हुड्डा, जयसिंह अहलावत, सुरेन्द्र दहिया, सुंदर पहलवान बामला, मनीषा बिश्नोई, कविता आर्य, सीताराम शर्मा प्रमुख थे।

महापंचायत का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, सुरजभान सांगवान, धर्मपाल महराणा, सुरेन्द्र कुब्जानगर, शमशेर फौगाट, सुरेश फौगाट, जगदीश हुई, बलबीर बजाड़, धर्मेन्द्र छपार, सुरेंद्र कटारिया, राजकुमार हड़ौदी, मीरसिंह नीमड़ीवाली, कप्तान रामफल, धर्मपाल बाढड़ा, सुभाष यादव, विनोद मोड़ी,  प्रेम कुमारी अचीना, मुन्नी खातीवास, मुकेश पहाड़ी, कृष्णा छपार, रामफल देशवाल, निर्मला पांडवान, बीरमति डोहकी, रणधीर कुंगड़, राज सिंह जताई, प्रीतम चेयरमैन, अत्तर सिंह बलाली, सूबेदार सतबीर सिंह, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह इत्यादि मौजूद थे।