भारतीय लोकतन्त्र  इतिहास में आपातकाल में विपक्ष के बड़े नेताओं को जेलों में बन्द कर दिया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी ।आपात काल में जमकर लोगों पर  ज़्यादती व नसबन्दी  के भय से लोग बारात ,जागरण व रात्रि सिनेमा देखने नही जाते थें ।

हांसी   । मनमोहन शर्मा

भारतीय  लोकतन्त्र इतिहास में आज तक सबसे काला काल पूर्व प्रधानमंत्री स्वः इन्दिरा गांधी द्वारा 25  जून 1975  को 19  महीने लगाई गई आपात काल आज भी उनके किए जुल्मों को याद करके रोगटे खड़े हो जाते है ।

46  वर्ष  पहले काग्रेस ने देश में आपात काल लगा कर सभी नागारकों के अधिकारों का हनन करके देश के सभी विपक्षी दलों के मोरजी     देसाई ,चौंधरी  चरण सिंह , अटल बिहारी वाजपेई , एलके आडवाणी राज नारायण , जॉर्ज फर्नांडीज , एनजी गोरे , चंद्रशेखर ,नानाजी देशमुख , चौधरी देवी लाल ,प्रकाश सिंह बादल डा मंगल सिंह व जननायक जयप्रकाश को जेलों में डाल दिया और आपातकाल का विरोध करने वाले लाखों को जेल में डाल दिया । 

इसी दौरान तत्कालीन प्रधान मंत्री स्वः  इन्दिरा गान्धी ने  प्रजातन्त्र के चौथे स्तम्भ मीड़िया व छपने वाले देश के राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों पर सेंसरशिप लगा दी । 

समाचार छपने से  पूर्व आला अफसरों के  पास पत्र की कापी जाती थी ।   

19 महीनों के दौरान जनता पर कई ज्यादती की गई और युवा कॉग्रेस द्वारा पांच सूत्री कार्यक्रम को सौंपा गया । नसबन्दी कार्यक्रम में सरकार व कर्मचारियों  में लोर्गों  के साथ नाजायज तंग किया गया ।  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर भी पाबन्दी लगाकर उनके स्वयंसेवकों के परिजनों पर काफी ज्यादती की गई और सरेआम उन्हे प्रताडित भी किया । जब उनके वर्कर जेल में जाते थे तब वे भारत माता जय के नारे लगाते थें । कई बार तो उनकी पुलिस जमकर पिटाई करती थी ।

हांसी बजरिया चौक में  एक कपड़े का कोरबार करने वाले आरएसएस के स्वयं सेवक व लोकतन्त्र सेनानी रामसरूप पोपली  ने  करनाल से  फोन  बताया कि पुलिस ने मेरे साथ बहुत ज्यादती की सरेआम बाजारों में जमकर पिटाई की  और पुलिस ने मुझे हवालात में बन्द किया  तो जब पीने के पानी की मांग की तो पुलिस कर्मियों ने उन्हे घड़े में रखे पेशाब को पीने को मजबूर  किया । हिसार जेल में तोरी की सब्जी में कीड़े को लेकर भुखहड़ताल हिसार जेल में की  ।

 मैने एक सीआईडी कर्मी की कथित पैसे मांगने व  टार्च किए जाने का पत्र आला पुलिस अफसरों को लिखा । उसके बाद उसका तबादला रतिया कर दिया गया । उन्होने एक तत्कालीन एसडीएम  का नाम कहा कि उन्हे भी काफी ज्यादती की  I

 रिटायर गवर्नमेंट कॉलेज के प्रिंसिपल व प्रो० वजीर चन्द गर्ग  ने कहा कि  प्रो० गणेशी लाल से प्रभावित होकर आपातकाल में कार्य करते थे । मैने प्रो० गणेशी लाल के पक्ष में अदालत में गवाही दी और आपातकाल का जोरदार विरोध करने में कही पीछे रहे । मेरी शादी हुए थोड़ा समय हुआ था और प्रो० गणेशी लाल के हम फैन थे  । नरेन्द्र मोदी के त्याग के कारण वे इतने बड़े पद पर पहुँचे है  । 

 पुराने बस अड्डे के पास अमर मार्केट स्थित व्यापारी प्रतिष्ठान में आज  संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक हरिश मनोजा व एसडीओ0 सुनील सैनी  भी बैठे थें ।

 उन्होने बताया कि पहले मेरी  स्पेयर पार्ट की दुकान आपात काल के समय भी थी उस समय काग्रेस सरकार की नजरें आरएसएस पर काफो  पैनी नजर रखी जाती थी । उस समय प्रचारक भेष बदलकर  आते थें । प्रेम जी आए पेन्ट कमीज ,एक हाथ में सिग्रेट व वीफकेस आकर अकाउंट के पास बैठ गए ।

उस समय लेखराज सीआईडी वाले को चकमा देकर प्रेम जी सूचना दे कर चले गए  । संघ में परम्परा है कि आपस में स्वयंसेवक हाथ नही मिलाते थें और नमस्कार करने की रीति कई वर्षों से चल रही है ।

हरिश मनोचा ने  पुलिस के बारे में बताया कि आपात काल लगने  पर पूरे देश की जनता के आक्रोश था  । कुछ पुलिस कर्मी भी काग्रेस सरकार की इस तानाशाही का अन्दर अन्दर विरोध करते थें  । एक बार जब हम लोगों को जेल जेल  से तारीख के लिए कोर्ट ले ले जा रहा है तो जेल और कचहड़ी का फासला कुछ दूरी का था पैदल ही जेल से कोर्ट ले जाया  जा सकता था   लेकिन एक एएसआई सरदार जी ने अपने पुलिस साथियों के साथ हमें अन्य कैदियों के साथ गाड़ी में बिठा कर गाड़ी में तेल डलवाने के बहाने सारे बाजार में घुमाया गया और बाजारों में आपातकाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी नारेबाजी लगाने में एसआई वह अन्य कैदियों ने भी जमकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए ।

उन्होने बताया कि बताया कि हिसार जिले से कहीं 140 लोग पकड़े गए थे  । जेल में सुबह व शाम को शारवा लगती थी जिसमें बोद्धिक व धार्मिक  कार्यक्रम का आयोजन भी होते रहते थें । जेल में एसा महसूस होता था कि कोई संघ का अनिरिचत का संघ शिक्षा  वर्ग लगा हुआ है 

  25 जून को आपातकाल लगते ही रोहतक में संघ शिक्षा वर्ग बीच में समाप्त हो गया ।

 हांसी नगर प्रचारक संघ शिक्षा वर्ग से वापसी आ कर सभी कार्यकर्ताओं को भूमिगत होने का कहा सुशील  को भी भूमिगत रखने के लिए हमने स्थानीय प्राचीन लक्ष्मण चौतरा के महंत स्वामी दीनानाथ  के पास गए उनको सारी स्थिति बताकर सुशील  को मंदिर रख लिया ।   स्वामी दीनानाथ जी ने सुबह भी संघ के स्वयंसेवक थे और पाकिस्तान में संघ शिक्षा वर्ग हैं किया हुआ था ।

 उन्होंने हमारी प्रार्थना स्वीकार करते सुशील का मुंडन करवा कर भगवे कपड़े बनाकर साधु बनाया और मंदिर में बिठा दिया हम प्रातः काल और सांय  काल छुप-छुपकर मंदिर जाते थे सूचना का आदान प्रदान करते थे I

  सुशील  ने  उन्हे  बताया  कि साधु का भेष बनाने से बुजुर्ग महिलाएं पुरुष मेरे पांव छूने लगते हैं यह उनसे सही नहीं हुआ वह अधिकारियों की सलाह करके उनको वापस अपने घर भेज दिया ।

सिरसा के शर्मा रेस्टोरेंट सुभाष चौक के पास रहने वाले जयंत शर्मा व  नरेश  ने कहा कि आपातकाल के दौरान दर्पण अखबार को रात्रि को दुकानों व घरों में बांटते थे एक बार एक कांग्रेसी नेता ने चौकीदार से पूछा यह अखबार रात को कौन डालता है उसने कहा बच्चे डालते है । पुलिस ने उन्हे पुछताछ के लिए थाना में बुलाया केस न बनाकर उन्हे 19  दिन सुबह व शाम को थाना में  दोनों आने की हिदायते दी  ।जयन्त शर्मा ने बताया कि  उस समय प्रो० गणेशी लाल ,ओमप्रकाश वधवा ,कृष्ण वोहरा ,रमेश गुलाटी  ,डाक्टर सुरेन्द्र मल्हौत्रा  ,अमर नागपाल ,बिश्म्बर गोयल  व सोहन लाल रोडी वाले आदि लोगों को पुलिस ने गिरफतार किया और उनपर जमकर पिटाई ज्यादती की ।

हरियाणा प्रेस क्लब के प्रधान लोकतंत्र सेनानी समाचार पत्रों से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार मान सिंह वर्मा ने  कहा कि आपातकाल  में हिसार जिले से काफी संख्या में पत्रकार  को गिरफतार किया था जिसमें स्वयं , विशनस्वरूप  दाल वाला  ,देव कुमार जैन , डॉ नंदकिशोर सोनी व अन्य लोगों को सरकार ने गिरफतार किया  ।उन्होने दिन चर्चाया के बारे में बताया कि जेल में सुबह जल्दी उठते ,दातुन व मालिस करके नहाने के बाद पराटे व देही से नाशता करते थें  ।उन्होने कहा कि हिसार जेल में देश के नानी नेता राज महल नारायण ज्योति बसु जॉर्ज फर्नांडीज चौधरी देवी लाल बलवंत राय तायल आदि अनेक बड़े नेता हिसार जेल में रहे बाद में इनको शिफ्ट कर दिया गया बलवंत राय तायल को चौधरी देवी लाल को मेहन्द्रगढ़ जेल में भेज दिया गय।15 अगस्त 1975 को जेल में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया उस वक्त हम लोगों ने आपातकाल के विरोध में भूख हड़ताल करके काला दिवस मनाया था  I

बिहार में आई बाढ़ के लिए खाद्य सामग्री भेजी गई थी I  एक बात यह रही कि  इस दौरान लोगों की जबरदस्ती अफसर नंबर बनाने के चक्कर में नसबंदी से करते थे । आपात काल में रात्रि के सिनेमा , जागरण ,बारात व विवाह शादीयों में लोग नही जाते थे कि कही बाहर निकले तो नसबन्दी आप्रेशन पकड़ने वाले लोग न ले जाए  I

मान सिंह वर्मा ने कहा कि 1977 के चुनाव  में जब वोट मांगने के लिए जनता पार्टी प्रत्याशी व समर्थक गावों में जाते थे तब लोग घरों में घुस जाते थे कही नसबन्दी टीम के लोग नही आ गए । हरियाणा में इतना ज्यादा भयं ग्रामीण क्षेत्रों में था I उतरी भारत में तो काग्रेसपार्टी लोकसभा चुनाव में सफाया हो गया और ज्यादातर जनता पार्टी के प्रत्याशी चुनाव जीते ।आपात काल लगने का कारण इलाहबाद हाईकोट में राजनारायण ने एक चुनावी रिट  याचिका डालकर आरोप लगाया  इंदिरा गांधी ने पद का दुरुपयोग हेरा फेरी सरकारी मशीनरी   का  आरोप लगाया गया । 12 जून 1975  को अदालत में इन्दिरा गान्धी के खिलाफ फैसला सुनाया  और उसी दिन गुजरात विधान सभा चुनाव  परिणाम काग्रेस पार्टी वहां पर भी पिछड़ गई  Iतत्कालीन प्रधान मंत्री इन्दिरा गान्धी बाहरी देशों  का दबाव  के चलतें 16-17 जनवरी 1977  को लोकसभा का चुनाव करवाने की घोषणा के बाद सरकार विपक्ष के नेताओं को रिहा करना शुरु कर दिया ।

 विपक्षी नेता ने एक नया दल जनता पार्टी के नाम से लोकसभा चुनाव लड़ा गया । जनता पार्टी सरकार के प्रधान मंत्री भाई  मोराजी देसाई ,चरण सिंह ,बाबू जगजीवन राम ,अटल बिहारी बाजपेई ,एलके आडवाणी , जॉर्ज फर्नांडीज व नेताओं  को केन्द्रीय मंत्री बनाया गया । एक विशेष बात यह रही कि चुनाव आपात काल के दौरान हुए Iवर्मा ने कहा कि मार्च 1977  जनता सरकार बन गई  और 22  मार्च 1977 को आपातकाल हटा दिया गया और प्रेस पर लगी  सेंसरशिप को भी समाप्त कर दिया  । चुनाव आपातकाल के दौरान हुआ ,भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ 

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