-छोड़ा सुसाइड नोट, पंचायत सचिव व महिला सहित चार पर लगा ब्लैकमेल करने का आरोप
-शैक्षणिक योग्यता का फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर चुनाव लड़ने के आरोप में चल रहा था सस्पेंड

जींद, 23 जून। जींद-रोहतक रेलवे ट्रैक पर जुलाना रेलवे स्टेशन के पास सुसाइड नोट लिखकर मालवी गांव के पूर्व सरपंच ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर जीआरपी मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जींद के सिविल अस्पताल में भिजवाया।

सुसाइड नोट में पंचायत सचिव और गोहाना की एक महिला सहित 4 लोगों पर वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने मृतक के बेटे की शिकायत पर एक महिला सहित 4 के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

बुधवार सुबह करीब 7 बजे जींद-रोहतक रेलवे ट्रैक पर जुलाना रेलवे स्टेशन व देवरड़ फाटक के बीच मालवी गांव के निवर्तमान सरपंच रामकला ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। मौके पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना जीआरपी को दी। सूचना पाकर जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर शिनाख्त की। रामकला की जेब से पुलिस ने एक सुसाइड नोट मिला। सुसाइट नोट में वीडियो बनाकर 4 पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया गया था। सुसाइड नोट में लिखा है कि यह लोग उससे

रुपये की डिमांड कर रहे थे। उसने इन लोगों को रुपये भी दिए हैं। इन लोगों ने उसकी कोई वीडियो बनाई हुई है। सुसाइड नोट में मालवी गांव के कुलदीप उर्फ लाला, पंचायत सचिव अभिमन्यु, गोहाना निवासी बबलू और मुस्कान पर ब्लैकमेल का आरोप लगाया गया है।

-महिला सहित 4 के खिलाफ किया है केस दर्ज : जयपाल

जीआरपी के सब इंस्पैक्टर जयपाल तोमर ने बताया कि मृतक के पास पुलिस को सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में मृतक ने महिला सहित 4 लोगों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग करने का आरोपा लगाया हुआ है। पुलिस ने मालवी गांव के कुलदीप उर्फ लाला, पंचायत सचिव अभिमन्यु, गोहाना निवासी बबूल और मुस्कान के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

-शैक्षणिक योग्यता का कोर्ट में चला था केस-

-रामकला वर्ष 2016 में मालवी गांव का सरपंच बना था। गांव के कुछ लोगों ने आरोप लगाया था कि सरपंच लडऩे के लिए रामकला के पास शैक्षणिक योग्यता नहीं है। सरपंच लडऩे के लिए जो सर्टिफिकेट नामांकन में लगाया गया था, वह फर्जी बनवाया हुआ है। यह मामला कोर्ट में भी चला था। डीसी ने रामकला को सस्पैंड कर दिया था और गांव की कमान बीडीपीओ ने संभाली थी।

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