शीतला माता मंदिर में 25 जून से 24 जुलाई तक लगेगा आषाढ़ मेला

-इस बार कोविड के चलते श्रद्धालु प्रातः 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक कर पाएंगे दर्शन।  -कोविड प्रोटोकाल के साथ आयोजित होगा आषाढ़ मेला-मुख्य प्रशासक 

गुरुग्राम  21 जून । गुरूग्राम के प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर में 25 जून से 24 जुलाई तक आषाढ़ मेला लगाया जा रहा है और इस बार कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अहम बात यह है कि मेले के दिनों मे श्रद्धालु प्रातः 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही माता के दर्शन कर पाएंगे। इसके बाद , कोविड के चलते मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। 

यह निर्णय आज श्री माता शीतला देवी पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक एवं नगर निगम आयुक्त मुकेश आहुजा की अध्यक्षता में नगर निगम के सभागार में आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में बोर्ड के सदस्यो के अलावा  मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतपाल शर्मा भी उपस्थित थे। 

बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य प्रशासक ने कहा कि आषाढ़ मेला कोविड प्रोटोकाॅल के साथ आयोजित किया जाएगा। मेले के दौरान कोविड से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का ध्यान रखा जाएगा। श्रद्धालुओं को ठीक ढंग से फेसमास्क लगाने, एक दूसरे के बीच उचित दूरी रखने और अपने हाथों को सैनिटाइज करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। श्री आहुजा ने कहा कि मंदिर में जाने के लिए उपरगामी पुल के प्रवेश पर श्रद्धालुओं के हाथ सेनिटाइज करवाए जाएंगे और वहीं पर उनकी थर्मल स्कैनिंग भी होगी ताकि किसी भी बीमार व्यक्ति को पहले ही पहचान कर उसे अलग कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान खांसी , बुखार , जुकाम आदि लक्षणों वाले व्यक्तियों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नही होगी। कोविड के चलते सावधानियां बरतने और मंदिर के अंदर प्रसाद नही लाने के बारे में मंदिर परिसर में लगातार अनाउंसमेंट भी होती रहेगी ताकि श्रद्धालुओं को इन सावधानियों का ध्यान रहे। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं से यह भी आग्रह किया जाएगा कि वे मंदिर के भीतर प्रसाद आदि लेकर ना जाएं। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि यदि कोई श्रद्धालु प्रसाद लेकर आता है तो मंदिर के द्वार पर ही उसका प्रसाद ले लिया जाएगा। उन्होंने मेले के दिनों में शीतला माता मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने पर जोर दिया और कहा कि मंदिर में साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि मंदिर में आने के लिए श्रद्धालुओ द्वारा प्रयोग किए जाने वाला उपरगामी पुल पर भी रेलिंग को समय समय पर सेनिटाइज किया जाए।

उन्होंने आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में टॉयलेट तथा नहाने के लिए शैड बनवाने के निर्देश दिए और यह भी कहा कि मंदिर के अंदर तथा बाहर रखे टाॅयलेटस की मरम्मत करवा लें। उन्होंने कहा कि मंदिर के बाहर टायलेट किराए पर उपलब्ध करवाने वाली एजेंसी की सफाई की जिम्मेदारी भी लगाएं और यदि टायलेट साफ नही मिलते हैं तो उसमें पैनल्टी का भी प्रावधान रखें। उन्होंने कहा कि शौचालयों की सफाई करवाई जानी नितांत आवश्यक है। 

श्री आहुजा ने कहा कि मेले के दौरान मंदिर परिसर में 24 घंटे चिकित्सको की टीम उपलब्ध रहनी चाहिए ताकि किसी भी श्रद्धालु के बीमार पड़ने या तकलीफ होने पर तत्काल उसे फस्ट एड मुहैया करवाई जा सके। इसके अलावा, श्रद्धालुओ को मंदिर परिसर के बाहर  दुकानो, ढाबो तथा रैस्टोरेंट आदि में परोसी जाने वाली खाद्य सामग्री की जांच भी फू ड इंस्पैक्टर तथा चिकित्सको की टीम द्वारा निरंतर की जाती रहेगी। 

श्रद्धालुओ को मंदिर परिसर के अंदर तथा बाहर सुरक्षा के लिए गुरूग्राम पुलिस के जवान लगाए जाएंगे। यही नही, पूरा मंदिर परिसर सीसीटीवी कैमरो की निगरानी में रहेगा। मंदिर परिसर में विभिन्न स्थानो पर लगभग 56 कैमरे लगे हुए है। आगजनी आदि की घटनाओ से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड मंदिर परिसर में तैनात रहेगी। मंदिर में माता के दर्शनो के लिए आने वाले श्रद्धालुओ की सुविधा के लिए खोया-पाया काउंटर स्थापित किया जाएगा और मंदिर परिसर के अंदर व बाहर सार्वजनिक रूप से यह चस्पा किया जाएगा कि रास्ता भूलने पर इन नंबरों पर संपर्क करें।  श्रद्धालुओ को रेलवे स्टेशन तथा बस स्टैंड से मंदिर तक लाने व ले जाने के लिए बसे लगाई जाएंगी। मेले के दिनो में मंदिर परिसर व आस-पास के क्षेत्रो में कानून व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्यूटी मैजिस्ट्रेट लगाए जाएंगे। 

इस अवसर पर नगराधीश सिद्धार्थ दहिया, बोर्ड के सदस्य परमिंदर कटारिया, , ललित शर्मा , प्रदीप शर्मा, मंदिर अधिकारी योगदत्त शर्मा, एसीपी राजीव यादव, एसीपी ट्रेफिक अखिल कुमार , सैक्टर-5 थाने के प्रभारी पंकज सहित कई अधिकारीगण उपस्थित थे। 

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