इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खों के कराया अवगत.
लोगों  को योग के बारे में किया जा रहा है जागरूक

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
    कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे है ताकि लोग सुरक्षित रहें और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसी कड़ी में आयुष विभाग द्वारा लोगों को निरंतर स्वास्थ्य लाभ दिया जा रहा है। लोगों को आयुष विभाग द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ साथ कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी आवश्यक जानकारी दी जा रही है। विभाग के लगभग 35 डाॅक्टर इस कार्य में दिन-रात लोगों का आयुर्वेदिक उपचार के लिए मार्गदर्शन कर रहे है ताकि वे जल्द स्वस्थ हो।

जिला गुरुग्राम की आयुर्वेदिक अधिकारी डा. मंजू बांगड़ ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव का एकमात्र उपाय सावधानी रखते हुए कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करना है। ऐसे में खांसने, छींकने के सही तरीके अपनाना, बार-बार हाथ धोना तथा आपस में दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है। आयुष विभाग के अंतर्गत कार्य कर रहे चिकित्सक लोगों को न केवल इन सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं बल्कि इनके साथ ही आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी भी दे रहें हैं। डा. मंजू बांगड़ ने बताया कि मानव शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पूरा दिन गर्म पानी पिएं। प्रतिदिन आधा घंटा योगासन, प्राणायाम व ध्यान करें। हल्दी, जीरा, धनिया एवं लहसुन आदि मसालों का नियमित रूप से भोजन में प्रयोग करें।  दूध के साथ च्यवनप्राश रोजाना ले सकते हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्घि होती है।

यह है देेशी फायदे के नुस्के
डा. बांगड़ ने बताया कि तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ व मुनक्का से बनी हर्बल चाय या काढ़ा दिन में दो बार ले सकते हैं। इसमें स्वादानुसार नींबू का रस या गुड़ मिलाया जा सकता है। एक गिलास दूध को गर्म करके आधा चम्मच हल्दी का चूर्ण दिन में एक या दो बार ले सकते है। तिल या नारियल तेल को मुंह में लेकर तीन मिनट तक घुमाकर कुल्ले की तरह थूक दें। बाद में गर्म पानी से कुल्ला कर लें। इनके अतिरिक्त खांसी या गले में खराश होने पर दिन में कम से कम एक बार पुदीने के पत्ते या अजवायन डालकर पानी की भाप लें। लौंग के चूर्ण में गुड़ या शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार लें। आयुष मंत्रालय अनुसार गले में खुश्की या खराश  दूर करने के लिए अजवाइन के पत्तों की भाप भी ली जा सकती है।

डॉ मंजू बांगड़ ने बताया कि नैशनल हैल्थ मिशन के अन्र्तगत कार्यरत आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सक फ्रंटलाईन वर्कर के तौर पर कोविड-19 से लड़ाई में जुटे हुए हैं। आयुष विभाग के चिकित्सक एवं स्टाफ डिस्पैंसरियों में भी ओपीडी में आ रहे मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं और आयुर्वेद दवाओं से उनका उपचार कर रहे हैं। आम जन को अधिक से अधिक उन घरेलू उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है जिनसे उत्तम स्वास्थ्य को प्राप्त किया जा सकता है ।