गुरुग्राम – कादीपुर इन्कलेव वार्ड नं-13 से समाज सेविका राजबाला यादव रोजी बहन ने बताया कि इस वर्ष वट सावित्री व्रत पर्व 10 जून 2021 को मनाया गया। वट सावित्री अमावस्या के दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। हिन्दू धर्म में वट सावित्री अमावस्या सौभाग्यवती स्त्रियों का महत्वपूर्ण पर्व है। मान्यता है कि वट सावित्री व्रत करने से पति दीर्घायु और परिवार में सुख शांति आती है। पुराणों के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है। इस व्रत में बरगद वृक्ष के चारों ओर घूमकर सौभाग्यवती स्त्रियां रक्षा सूत्र बांधकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। वट सावित्री व्रत में ‘वट’ और ‘सावित्री’ दोनों का खास महत्व माना गया है। पीपल की तरह ही वट या बरगद वृक्ष का भी विशेष महत्व है। इस व्रत को सभी प्रकार की स्त्रियां यानी कुमारी, विवाहिता, कुपुत्रा, सुपुत्रा, विधवा आदि करती हैं। इस व्रत को स्त्रियां अखंड सौभाग्यवती रहने की मंगलकामना से करती हैं। अमावस्या को ही इस व्रत का नियोजन होता है। इस दिन वट (बड़, बरगद) का पूजन होता है।अन्त मे बहन रोजी ने पूजा पश्चात श्लोक के साथ सावित्री को अर्घ्य दिया। अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते।पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते।।यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले।तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।। Post navigation गुरुग्राम जिला में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लिए 11 जून को 37 स्वास्थ्य केंद्रों पर लगाए जाएंगे वैक्सीनेशन कैंप ये भी कोरोना वारियर….आयुष विभाग के 35 डाॅक्टर दिन-रात लोगों की कर रहे सेवा