अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मंच पर 24 राज्यों की लोक संस्कृति के होंगे दर्शन : नेहा सिंह। एनजैडसीसी की तरफ से 200 शिल्पकार और सरस मेले में 100 से ज्यादा शिल्पकार करेंगे शिरकत। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक उपायुक्त नेहा सिंह कुरुक्षेत्र 26 नवंबर : उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 में ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर 24 राज्यों की लोक संस्कृति के दर्शन सहजता से किए जा सकेंंगे। इस महोत्सव में जहां कलाकार अपने-अपने प्रदेश लोक नृत्यों और वाद्य यंत्रों की छठा बिखेरेंगे वहीं देश भर के शिल्पकार भी अपनी-अपनी शिल्पकला से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करेंगे। इस शिल्प और सरस मेले का आयोजन 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक किया जाएगा और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय 28 नवंबर को शिल्प और सरस मेले का उद्घाटन करेंगे। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश के अलग-अलग राज्यों से शिल्पकार पहुंचने शुरू हो गए है और इस शिल्प मेले में एनजैडसीसी की तरफ से देशभर के शिल्पकारों को आमंत्रित किया गया है। इन शिल्पकारों में राष्ट्रीय अवार्डी, राज्य अवार्डी और अन्य राज्यों के मेरिट प्रमाण पत्र हासिल करने वाले शिल्पकार पहुंचेंगे। इन कलाकारों के ठहरने, खाने की व्यवस्था कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से की गई है और ब्रह्मसरोवर की सदरियों में इन शिल्पकारों को प्रमुखता से स्थान दिया जाएगा। इसके साथ ही डीआरडीए की तरफ से 19 राज्यों के सैल्प हैल्प गु्रप और बेहतरीन शिल्पकारों को आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही हरियाणा के 22 जिलों के शिल्पकार सरस मेले में अपनी शिल्पकला का प्रदर्शन करेंगे। उपायुक्त ने कहा कि एनजैडसीसी की तरफ से 28 नवंबर से लेकर 15 दिसंबर तक ब्रह्मसरोवर के घाटों पर पर्यटकों और दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ अपने-अपने राज्यों की सांस्कृतिक विरासत से रूबरू करवाने के लिए कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। यह कलाकार ब्रह्मसरोवर की अलग-अलग दिशाओं में बने घाटों के साथ-साथ ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ दशकों के बीच अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही निर्धारित शेड्यूल के अनुसार पुरुषोत्तमपुरा बाग के मुख्य मंच पर दिन और रात्रि के समय भी अपना प्रदर्शन करेंगे। 6 राज्यों के कलाकार दिखाएंगे 28 नवंबर से 3 दिसंबर तक अपनी कला का हुनर।उपायुक्त ने कहा कि एनजैडसीसी के शेड्यूल के अनुसार 28 नवंबर से 3 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कलाकार अपने-अपने प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्यों की प्रस्तुति करेंगे। बाजीगर, घमूर और किन्नौरी नाटी नृत्य भी रहेगा आकर्षण का केन्द्रउपायुक्त ने कहा कि एनजैडसीसी की तरफ से 4 से 9 दिसंबर तक यूटी जम्मू कश्मीर का डोगरी, राजस्थान का झड़ी व घमूर लोक नृत्य, उत्तराखंड का छपेली, हिमाचल प्रदेश का किन्नौरी नाटी, पंजाब के बाजीगर और छत्तीसगढ़ के पांडवानी गायन की प्रस्तुति होगी। यह लोक नृत्य लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। पार्टनर राज्य उड़ीसा की लोक कला संभालपुरी और दाल खाई नृत्य भी मिलेंगे देखने कोउपायुक्त ने कहा कि 5 से 11 दिसंबर तक एनजैडसीसी की तरफ से पार्टनर राज्य उड़ीसा के लोक कलाकार संभालपुरी और दालखाई लोक नृत्य की प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के कलाकार बरसाना की होली, मयूर, मणिपुर के कलाकार मणिपुरी रास, लायहरोबा, महाराष्ट्र के कलाकार दानगिरीगाजा, मध्यप्रदेश के कलाकार गुदमगाजा और असम के कलाकार बारदोई शिखला की प्रस्तुति देंगे। Post navigation संविधान निर्माण प्रदर्शनी भारतीय संविधान के इतिहास को समर्पित : मुख्यमंत्री