गुडग़ांव, 7 जून (अशोक): कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए लॉकडाउन चल रहा है। हालांकि प्रदेश सरकार ने अनलॉक 2 के दौरान सोमवार से कुछ रियायतों के साथ प्रतिष्ठान खोलने के आदेश भी जारी किए हैं। कोरोना के कारण समाज का हर वर्ग प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन के दौरान शहर में बंद रही नगर निगम की दुकानों पर पैनल्टी लगाकर किराया का भुगतान करने के आदेश नगर निगम द्वारा जारी किए जा रहे हैं।

नगर निगम ने दुकानदारों को पैनल्टी के साथ नोटिस भी भेज दिए हैं। इन दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन में कामकाज ठप्प रहा है तो वे पैनल्टी कहां से जमा करें। नगर निगम की भीम नगर, अर्जुन नगर, न्यू कालोनी, ट्रंक मार्किट, सदर बाजार, बादशाहपुर, सिंकदरपुर आदि कई क्षेत्रों में करीब एक हजार दुकानें हैं, जिनका किराया नगर निगम ने निश्चित किया हुआ है। प्रतिमाह की 5-7 तारीख तक किराए का
भुगतान नगर निगम को करना होता है।

दुकानदारों का कहना है कि यदि किराए देने में एक दिन की भी देरी हो जाती है तो नगर निगम किराया डबल करने के साथ 10 प्रतिशत की पैनल्टी भी लगाता है। उनका कहना है कि गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान पैनल्टी पर छूट दी गई थी। इस बार भी नगर निगम को कोरोना के चलते छूट देनी चाहिए। इस बार भी अप्रैल-मई माह में लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद रही हैं। उनका कहना है कि किराए की मांग तो सही है, लेकिन पैनल्टी देने का कोई तर्क नहीं बनता है। दुकानदारों का कहना है कि नगर निगम को पैनल्टी नहीं लेनी चाहिए। कोरोना काल में उनका कारोबार पूरी तरह से ठप्प रहा है।

उधर नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि सरकार के आदेशों के अनुसार ही किराया लिया जाता है। यदि निश्चित समय अवधि में किराए का भुगतान न किया जाए तो पैनल्टी लगाने का प्रावधान है। यदि लॉकडाउन के चलते सरकार पैनल्टी हटाने या कम करने का जैसा भी आदेश देती है, उसका पालन नगर निगम करेगा।

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