कितलाना टोल पर 158वें दिन किसानों ने जताया सत्ताधारी नेताओं के प्रति रोष

चरखी दादरी/भिवानी जयवीर फोगाट

31 मई, तीन काले कानून रद्द होने तक भाजपा और जजपा नेता अपने ग्रामीण दौरों पर जाने से गुरेज करें। यह चेतावनी वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी नेताओं ने अगर पुलिस प्रशासन के बल पर भाईचारे को बिगाड़ने का प्रयास किया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

सरकार को दी नसीहत- 

संयुक्त किसान मोर्चा के साथ इलाके की तमाम खापों, किसान, मजदूर, सामाजिक, व्यापारी और कर्मचारी संगठनों ने भाजपा और जजपा के बहिष्कार का कठोर निर्णय लिया हुआ है। उसके बावजूद यदा कदा कई नेता अपने हाई कमान के सामने नम्बर बनाने के लिए चोरी छिपे अपने किसी नजदीकी के घर प्रोग्राम कर लेते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, सांसद धर्मबीर सिंह, पूर्व मंत्री कविता जैन, चैयरमैन बबीता फौगाट, पूर्व विधायक सुखविंद्र मांढी किसानों के विरोध की झलक देख चुके हैं। उन्होंने सत्ता से जुड़े नेताओं को आगाह करते हुए आगे से वो गांवों की ओर रुख ना करें।           

 कितलाना टोल पर धरने के 158वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला,फौगाट खाप उन्नीस के विनोद मोड़ी, जाटू खाप के राजसिंह, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, बलबीर बजाड़, जागेराम डीपीई, मामकौर डोहकी, प्रेम कितलाना, सुभाष यादव ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि भाजपा और जजपा नेता भाईचारे को बिगाड़ने के लिए षडयंत्र रच रहे हैं वो इससे बाज आएं। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर मिलकर सरकार के मंसूबे सफल नहीं होने देंगे।           

इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, मीरसिंह नीमड़ीवाली, कप्तान धर्मपाल अटेला, कप्तान रामफल, कप्तान चंदन सिंह, सुरजभान सांगवान, कामरेड ओमप्रकाश, रणधीर घिकाड़ा, राजू मान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, ओमप्रकाश सेठ अटेला, राजकुमार हड़ौदी, धर्मेन्द्र छपार, राजेन्द्र घिकाड़ा, भीष्म शर्मा, जगदीश हुई, कमलेश भैरवी, प्रोफेसर जगमिंद्र सांगवान, देशराम भांडवा, राकेश सैनी, सत्यवान कालुवाला इत्यादि मौजूद थे।

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