कितलाना टोल पर 157वें दिन मनाया सीटू का स्थापना दिवस, विपरीत मौसम में भी डटे रहे किसान

चरखी दादरी जयवीर फोगाट 

30 मई, सीटू की जिला प्रधान कमलेश भैरवी ने कहा कि पूंजीवादी शोषण के खिलाफ मजदूर वर्ग के सिद्धांत एकता और संघर्ष के 51 साल पूरे हुए हैं। उन्होंने कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए सीआईटीयू (सीटू) के स्थापना दिवस पर मेहनतकश अवाम को बधाई देते हुए शोषण के खात्मे के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 30 मई 1970 में सीटू  की स्थापना के मौके पर एकता और संघर्ष का नारा दिया गया था।     

उन्होंने कहा कि एकता के लिए संघर्ष और संघर्ष के लिए एकता सीटू ने 51 साल में आंदोलनों का इतिहास रचा है। जहां स्वतंत्र आंदोलन इकाई से लेकर जिला, राज्य, राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन हुए वही तमाम मजदूर वर्ग की एकता बनाने में भी सीटू सफल रहा है। अलग-अलग ट्रेड यूनियनों को एक मंच पर लाकर मजदूरों के अधिकारों को बचाने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन एवं हड़ताल करके एकता और संघर्ष के नारे को बुलंद किया है।     

 कितलाना टोल पर धरने के 157वें दिन ,, फौगाट खाप उन्नीस के प्रधान बलवन्त नम्बरदार, श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, कमल प्रधान, रणधीर कुंगड़, कमलेश भैरवी, मीरसिंह नीमड़ीवाली,माया कौर, कृष्णा गौरीपुर, सीमा फतेहगढ़ ने संयुक्त रुप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को अवसर के रूप में प्रयोग करते हुए मजदूरों के 44 श्रम  कानूनों को चार कोड में बदल दिया, खेती में तीन काले कानून जबरदस्ती लागू कर किसानों की जमीन कारपोरेट जगत के हवाले करने की तैयारी कर दी है। सार्वजनिक क्षेत्र को कौड़ियों के भाव राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों को ओने पौने दामों में बेचा जा रहा है। 

धरने का मंच संचालन गंगाराम श्योराण ने किया। इस अवसर पर मास्टर ताराचंद चरखी, सुरजभान सांगवान, आजाद सिंह, धर्मपाल महराणा, सुरेन्द्र कटारिया, राजकुमार हड़ौदी, धर्मेन्द्र छपार, जगदीश हुई, महेंद्र बिरही, बलजीत मानकावास, शमशेर पैंतावास, सत्यवान कालुवाला, राजमल खेड़ी बुरा, रितिक सैनी, सुनील पहलवान, लवली सरपंच, सत्यनारायण राजपूत सौंफ, धर्मपाल सौंफ इत्यादि मौजूद थे।

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