गुरुग्राम – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रकल्प  प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक व पूर्व अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे.नंदकुमार का कहना है वर्तमान वैश्विक महामारी के दौर में विश्व कल्याण के लिए भारत दर्शन और हिंदुत्व दर्शन एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गुरुग्राम महानगर के द्वारा आयोजित ऑनलाइन व्याख्यानमाला राष्ट्र आराधन के तीसरे दिन के सत्र में बोलते हुए उन्होंने कहा सभी दर्शनों के एकमात्र आधार ही हिंदुत्व दर्शन है। फिर चाहे वो वैज्ञानिक आधार हो, धार्मिक आधार हो, पर्यावरण आधार हो या भौतिक आधार। बड़े विदेशी इतिहासकार लेखकों ने भी वर्तमान समय को ध्यान में रखते हुए विश्व को कहा है कि अगर इस समय को भी सम्पूर्ण तन्मयता से जीना है तो उसे जीने का एकमात्र ही जरिया है वो है भारत दर्शन और हिंदुत्व दर्शन। उन्होंने युवाओं से भारत वर्ष को समझने का आह्वान करते हुए कहा भारतवर्ष को समझने के लिए हिंदू और हिंदुत्व को समझना पड़ेगा लेकिन विडंबना है कि लंबे समय से बाहरी शक्तियों सहित देश के अंदर बैठी नापाक ताकतें भी इसमें भिन्नता पैदा करने की कोशिश कर रही हैं हिंदू की पूर्णता धर्म के साथ जोड़ने से ही होती है उन्होंने हिंदूइस्म जैसे भ्रामक शब्दों को भी विस्तार से समझाया।

इसी व्याख्यान श्रृंखला के दूसरे सत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथा वाचक देवी चित्रलेखा जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वर्तमान परिदृश्य में किए जा रहे सेवा कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा वर्तमान समय में यह कार्य देश को गर्त में से बाहर निकालने जैसा है जब जब देश पर संकट आया है तब तक देश के युवाओं ने आगे बढ़कर मिसाल कायम की है उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वह राष्ट्र और संस्कृति को भी समझें केवल कुछ किताबें पढ़ लेने से ही शिक्षा पूर्ण नहीं होती उन्होंने आगे कहा कि एक पॉकेट में अगर आप फ़ोन रखते हैं तो दूसरी पॉकेट में गीता रखो और दिल मे रामचरित मानस ताकि जीवन के हर क्षण को आप बैलेंस कर सको, ही जीवन का आधार है।

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