फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम, पटौदी । विभिन्न राज्यों में भयंकर तबाही मचाने के बाद मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी के मुताबिक ताऊते चक्रवात का असर एनसीआर के गुरुग्राम में भी बुधवार को सुबह से ही देखने के लिए मिला। बुधवार को जिला गुरुग्राम में सबसे अधिक रिकार्ड तोड़ बरसात 70एमएम पटौदी में दर्ज की गई है । हालांकि इस दौरान कोई तेज हवा अथवा आंधी चली हो ऐसर भी नहीं है। लेकिन फिर भी बरसात के कारण पटौदी क्षेत्र में बिजली करीब दिन भर में 10 घंटे गायब रही।

इस मामले में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक भारी भरकम पेड़ों के आसपास से गुजर रहे बिजली के तारों में जबरदस्त फाल्ट आ गया। जिसके कारण बिजली आपूर्ति करीब 10 घंटे तक ठप रही । एक तरफ तो कोरोना कॉविड 19 के साथ-साथ गर्मी आम लोगों के बीच में जबरदस्त परेशानी का कारण बनी हुई है। लेकिन बुधवार को सुबह से ही हो रही बरसात के कारण जिला गुरुग्राम में तापमान में भी जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई । तापमान में आई कमी का ही यह परिणाम भी देखा गया कि दोपहर के समय ही बरसात के कारण चलने वाली ठंडी हवा के कारण सितंबर अक्टूबर जैसी ठंडक का अहसास आम लोगों को होने लगा । बुधवार को गुरुग्राम में तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया । वही पटौदी में बुधवार को तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया । जबकि 2 दिन पहले तक यही तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच में दर्ज किया जा रहा था । बुधवार को ताऊते चक्रवात के कारण मौसम में आए जबरदस्त बदलाव की वजह से जिला भर में हुई बरसात के विभिन्न स्थानों पर शहर से लेकर देहात तक जलभराव के कारण भी लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा ।

मौसम विभाग के मुताबिक गुरुग्राम में 26 मिलीमीटर ,वजीराबाद में 30 मिलीमीटर, सोहना में 27 मिलीमीटर, मानेसर में 34 मिलीमीटर, फारूकनगर में 17 मिलीमीटर और पटौदी में सर्वाधिक 70 मिलीमीटर बरसात होना दर्ज किया गया । देर सायं समाचार लिखे जाने तक भी आसमान से मध्यम बूंदाबांदी होने का सिलसिला बना हुआ है । तापमान में आई गिरावट के साथ बनी ठंडक का ही कारण है कि जहां दिन भर में पंखे पूरी गति से चलते थे , कूलर और ऐसी भी आम लोगों के द्वारा गर्मी से राहत पाने के लिए चलाए जा रहे थे । बुधवार को बरसात के कारण बनी ठंडक की वजह से ऐसी और कूलर तो लोगों को बिल्कुल ही बंद करने पड़ गए । वहीं घरों में लगे हुए पंखे भी बेहद धीमी गति से चलाने के लिए मजबूर होना पड़ गया ।

कोरोना कोविड-19 और गर्मी से आम लोगों को हो रही परेशानी के बीच ताऊते चक्रवात की वजह से आई बरसात के कारण बनी ठंडक ने राहत प्रदान करने का काम किया है । वहीं जानकारों का कहना है कि प्री मानसून बुधवार को होने वाली बरसात बाजरे की फसल की बिजाई के लिए किसानों के हित में बेहद लाभकारी साबित होगी। मौसम विभाग की माने तो अभी कम से कम आगामी दो दिनों में बुधवार की ही तरह से बादल छाए रहने के साथ बरसात होने की प्रबल संभावना व्यक्त की गई है । बरसात को देखते हुए कुछ डॉक्टरों ने यह आशंका भी जाहिर की है की बरसात की वजह से जगह-जगह जलभराव होने के कारण मच्छर भी पैदा होंगे और यही मच्छर वायरल ,डेंगू ,मलेरिया जैसे लोगों का भी कारण बन सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो कोरोना कॉविड 19 के बेकाबू बने रहने को देखते हुए परेशानियां और भी अधिक बढ़ सकती हैं।

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