सरकारी अस्पताल में बेड हुए फुल तो मरीज घर से ले आये खाट, बने आत्मनिर्भर

इमरजेंसी वार्ड के बाहर ही मरीजों ने खाट बिस्टरों समेत डेरा डाल लिया है. मरीजो ने कहा सरकारी अस्पताल में सब बेड फुल हो गए हैं.

जींदहरियाणा के जींद जिले में सरकारी दावे हवा हवाई होते दिखे. जब जिले के नागरिक अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के लिए बेड कम हुए तो अब लोग अपने ही घर से ही बेड लाने लगे हैं. मरीजों को वार्ड में जगह नहीं मिल पा रही है तो वो इमरजेंसी वार्ड के बाहर ही डेरा डाल रहे हैं. पहले दो, फिर तीन और अब छह लोग इमरजेंसी के बाहर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनों की मदद से प्राण वायु ले रहे हैं.

बता दें कि अस्पताल में कोविड वार्ड से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक सब फुल हो चुका है, इसलिए मरीजों को इमरजेंसी की हालत में दाखिल होने के लिए बिस्तर और खाट घर से ही लेकर आने पड़ रहे हैं. कुछ मरीजों को नीचे फर्श पर लेटाकर ही उपचार दिया जा रहा है. नागरिक अस्पताल की पुरानी बिल्डिग में स्थित इमरजेंसी के बाहर रोजाना 15 से 20 मरीज स्ट्रेचर, कुर्सी, खाट, बिस्तर पर लेटे दिखाई देते हैं. सांस के मरीज ज्यादा संख्या में आ रहे हैं. नागरिक अस्पताल द्वारा इन मरीजों को फर्श पर लेटे-लेटे ही ऑक्सीजन दी जा रही है.

इस समय नागरिक अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के लिए 146 बेड हैं और कुल 160 मरीज उपचार के लिए भर्ती हैं. इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड तथा उसके साथ भी कोविड वार्ड बनाया गया है जहां कोविड मरीज उपचाराधीन है. ऐसे में नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पर लगातार मरीजों के उपचार का दबाव बढ़ता जा रहा है.

सांस के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और वो उपचार के लिए नागरिक अस्पताल पहुंच रहे हैं. यहां बेड न मिलने पर मरीज तिमारदारों अब अपने घर से ही बेड या गद्दे लाए जा रहे हैं ताकि उनके मरीजों को यहां आराम मिल सके. हालांकि डॉक्टरों ने मरीजो को बाहर ही ऑक्सिजन लगाकर इलाज शुरू कर दिया है.

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