वास्तविकता को भुलाकर भारी न पड़ जाए सकारात्मकता

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। कोरोना के कहर ने मचा रखा है कोहराम, जनता है परेशान, सरकार की ओर से सकारात्मकता का दिया जा रहा है संदेश। क्या केवल सकारात्मकता के संदेश से लड़ पाएंगे कोरोना से? यूं तो संपूर्ण देश कोरोना से पीडि़त है। हरियाणा भी इससे अछूता नहीं है। 

आज हम बात गुरुग्राम की करें तो गुरुग्राम के आंकड़े हरियाणा में सबसे अधिक आ रहे हैं। मौतों ने नागरिकों को अंदर तक भयभीत कर दिया है। ऐसा कोई घर नहीं मिलता, जिसके परिवार में कोई भी कोरोना से पीडि़त न हो।

भाजपा की ही बात करें तो गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता, भाजपा की जिला प्रधान गार्गी कक्कड़, भाजपा के मंत्री जीएल शर्मा आदि अनेक नाम हैं, जो  कोरोना से पीडि़त हो चुके हैं। आज समाचार मिला कि बादशाहपुर के विधायक राकेश जांघू के छोटे भाई संदीप जांघू भी कोरोना महामारी की चपेट में आकर मृत्यु को प्राप्त हो गए। तात्पर्य यह है कि महामारी ने लोगों के दिलों में डर बिठा दिया है। 

मुख्यमंत्री अस्पतालों का उद्घाटन करने गुरुग्राम आ रहे हैं। प्रश्न उठता है कि क्या मुख्यमंत्री के उद्घाटन करने से गुरुग्राम से महामारी समाप्त हो जाएगी? स्मरण रहे कि मुख्यमंत्री गुरुग्राम के कोविड महामारी के इंचार्ज भी हैं। जनता में सवाल उठ रहे हैं कि गत वर्ष जब महामारी फैली थी, तब प्रशासन की ओर से जगह-जगह सैनेटाइजेशन कराया गया था, फॉगिंग भी कराई गई थी लेकिन इस बार वह सबकुछ दिखाई नहीं दे रहा। इसी प्रकार प्रशासन की ओर से गत वर्ष कोविड योद्धाओं को प्रचुर मात्रा में मास्क, सैनेटाइजर, पीपीई किट का वितरण किया गया था लेकिन इस बार वह भी नहीं देखा जा रहा। गत वर्ष लॉकडाउन भी लगा था। इस वर्ष लॉकडाउन भी नहीं है। अत: सार्वजनिक स्थलों पर कोविड प्रसार की संभावनाएं अधिक हैं। फिर भी सैनेटाइजेशन और फॉगिंग नदारद दिखाई दे रही है। सार्वजनिक स्थलों की तो बात छोड़ों, कंटेनमेंट जोन में भी ऐसा दिखाई नहीं दे रहा। तो कैसे मानें कि सरकार कोविड से लडऩे के सार्थक प्रयास कर रही है?

अब बात करें स्वास्थ विभाग की तो स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के फोन बंद आते हैं, अस्पतालों में मरीजों से लूट चरम पर है। प्रशासन की मानें तो हर अस्पताल पर कोविड ऑफिसर बिठाए गए हैं। सरकार की ओर से भी बार-बार कहा जाता है कि इन लूट मचाने वालों पर सख्त कार्यवाही होगी। रेट लिस्ट अस्पतालों के बाहर चस्पा की जाए लेकिन आज तक धरातल पर कुछ दिखाई दे नहीं रहा। क्या मुख्यमंत्री जी इस ओर भी ध्यान देंगे?

गुरुग्राम में कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों को मौत का वरन करना पड़ा। क्या उस पर शासन की ओर से कोई कार्यवाही हुई? जो दवाइयां कालाबाजारी में बिक रही हैं, उनकी ओर स्वास्थ विभाग का ध्यान क्यों नहीं जाता? इसी प्रकार खाद्य पदार्थों में कालाबाजारी दिखाई दे रही है। इसी प्रकार बीडी, गुटखा, तम्बाकू आदि में भी कालाबाजारी चल रही है। दुकानदारों का कहना यह है कि ट्रांसपोर्टेशन कम होने के कारण चीजें पीछे से ही महंगी आ रही हैं। अब सवाल यह है कि शासन और प्रशासन क्या कर रहे हैं?

मुख्यमंत्री जी कल यहां अस्पतालों का उद्घाटन करके जाएंगे, वाहवाही होगी, मुख्यमंत्री की इमेज बिल्डिंग होगी लेकिन गुरुग्राम को क्या मिलेगा? जैसा कि हमने पिछले सप्ताह लिखा था कि गुरुग्राम स्वयं सक्षम है, एक सप्ताह में कमियां दूर करके माहौल को सुधारने में, वही दिखाई दे रहा है। कुछ कंपनियां और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से स्थितियां सुधरी हैं। उनका श्रेय मुख्यमंत्री लेने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री जी जो सरकार का काम है, कोरोना योद्धाओं को सैनेटाइजर, मास्क, पीपीई किट आदि उपलब्ध कराएं। सभी वस्तुओं की कालाबाजारी रुकवाएं और आपके प्रशासनिक अधिकारी आपदा को अवसर बना रहे हैं, उन पर रोक लगाएं।

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