गुडग़ांव, 08 मई (अशोक): कोरोना महामारी में बढ़ते मामलों को देखते हुए तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों में चल रहे शट डाउन के कारण प्रवासी श्रमिक अपने गृह प्रदेशों को लौटने का सिलसिला अभी भी जारी है। हालांकि, प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन इन प्रवासी श्रमिकों को आश्वस्त कर रहा है कि कोरोना को नियंत्रित कर लिया जाएगा। उन्हें किसी भी प्रकार की समस्याआें का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसीलिए वह अपने गृह प्रदेश न जाएं। लेकिन, कोरोना से भयभीत इन प्रवासी श्रमिकों का अपने गृह प्रदेश जाने का सिलसिला थमता दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि, सरकारी परिवहन व रेलगाडिय़ां इन श्रमिकों की समस्याआें का समाधान नहीं कर पा रहीं हैं। यानी कि इनके गृह प्रदेशों के लिए इस प्रकार की सुविधाएं फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। रेलवे ने दर्जनों रेलगाडिय़ों को मुसाफिरों की कमी के चलते आगामी आदेशों तक रद्द करने की घोषणा भी कर दी है। एेसे में इन श्रमिकों के पास निजी बसों में यात्रा करने का कोई अन्य विकल्प नहीं रह गया है। प्रतिदिन सेक्टर 12,राजीव चौक स्थित अस्थाई बस स्टापेज तथा शहर के विभिन्न क्षेत्रों से भी निजी बसों में सवार होकर अपने गंतव्य तक पहुंचने का सिलसिला जारी है। इन पीडि़त श्रमिकों का कहना है कि सामान्य से कई गुना किराया देकर उन्हें मजबूरन अपने प्रदेश जाना पड़ रहा है। यदि कोरोना से और स्थित भयावह हो गई तो यहां रह कर वे स्थिति का सामना नहीं कर पाएंगे। बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल आदि प्रदेशों को प्रवासी श्रमिक निजी बसों से यात्रा करने पर मजबूर हैं। Post navigation ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन ने प्रदेश सरकार से की मांग सर हेनरी ड्यूनान्ट को याद कर मनाया विश्व रैडक्रास दिवस