कोरोना मृतकों के दाह संस्कार के लिए मांगे दो हजार रुपए जोखिम भत्ता

गुडग़ांव, 08 मई (अशोक): ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन की जिला शाखा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कोरोना महामारी से मौत होने वाले व्यक्ति का दाह संस्कार करने पर दो हजार रुपए प्रति दाह संस्कार जोखिम भत्ते का भुगतान किया जाए। यूनियन के एस$एल. जापति, देवी राम व विमलेश कहना है कि प्रदेश सरकार की बेरुखी व उपेक्षा के कारण ग्रामीण सफाई कर्मचारी एक बार फिर भेदभाव का शिकार हो रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना के कारण मरने वाले व्यक्ति का दाह संस्कार करने का काम इन सफाई कर्मियों से निशुल्क ही कराया जा रहा है। जबकि, शहरी क्षेत्र में यह काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को दो हजार रुपए प्रति शव का भुगतान किया जा रहा है।

उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि यह दोगलापन बंद कर सफाई कर्मचारियों के लिए दो हजार रुपए का भत्ता निश्चित किया जाए। उनका कहना है कि इस कोरोना महामारी में जब कोई भी व्यक्ति घर से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं है। एेसे समय में सफाई कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डाल कर पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को दाह संस्कार के अलावा कोरोना केंद्रों का साफ सफाई का काम भी करना पड़ता है। और इन्हें पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट मास्क, सेनीटाईजर, गल्ब्स आदि सुरक्षा उपकरण भी समुचित मात्रा में उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। उनका कहना है कि ग्रामीण सफाई कर्मी लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं। लेकिन, उन्हें सदैव प्रदेश सरकार द्वारा आश्वासन ही मिला है। जिन मांगों को प्रदेश सरकार ने मान भी लिया था उन्हें आज तक लागू नहीं किया
गया है। उन्होंने सरकार से यह मांग भी की है कि कोरोना काल में प्रत्येक सफाई कर्मी चार हजार रुपए मासिक जोखिम भत्ता, पचास लाख बीमा कवरेज व पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।

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