*जिला प्रशासन ने गाइडलाइन के साथ दी अनुमति* गुरुग्राम 3 मई। गुरुग्राम में रिहायशी सोसाइटियो में प्री – सिंपटोमेटिक, एसिंप्टोमेटिक तथा बहुत ही माइल्ड सिंप्टोमेटिक अर्थात बहुत कम लक्षणों वाले या संदिग्ध कोविड मरीजों के लिए उनकी सोसायटियो में ही छोटी कॉविड केयर फैसिलिटी खोलने की अनुमति जिला प्रशासन ने दी है। इस बारे में उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने आदेश जारी किए हैं जिसमें कहा गया है कि गेट युक्त हाउसिंग सोसायटी तथा कंडोमीनियम में आरडब्लूए, हाउसिंग सोसायटी और एनजीओ अपने संसाधनों से छोटी कोविड-19 केयर फैसिलिटी स्थापित कर सकते हैं। ऐसी फैसिलिटी या सुविधा शुरू करने के लिए जिला प्रशासन ने कुछ गाइडलाइन भी दी हैं। गाइडलाइन के अनुसार इन कोविड केयर सुविधा केंद्रों में गंभीर बीमारियो से पीड़ित बुजुर्ग मरीजों, 10 साल से कम उम्र के बच्चों ,गर्भवती महिलाओं और को-मोरबिडिटीज अर्थात गंभीर बीमारी जैसे – शुगर, हाइपरटेंशन, हृदय रोग, किडनी संबंधी बीमारी, सांस लेने संबंधी रोग, कैंसर तथा इम्यून सिस्टम संबंधी बीमारी से पीड़ित मरीजों को नहीं रखा जा सकता, क्योंकि ऐसे मरीजों को अस्पताल तथा उच्च स्वास्थ्य सुविधाओं वाले कोविड केयर सेंटरो मे दाखिल करवाना होता है। जारी आदेशों में कहा गया है कि सोसाइटियो आदि में स्थापित किए जाने वाले कोविड केयर सुविधा केंद्रों में संक्रमण रोकने संबंधी अच्छे इंतजाम होने आवश्यक हैं ताकि कन्फर्म हो चुके कोरोना संक्रमित मरीज और संदिग्ध मरीजों को अलग अलग रखने की व्यवस्था हो और उनके आपस में मिलने की अनुमति ना हो। उनके लिए अलग-अलग शौचालय आदि की व्यवस्था होनी चाहिए । ऐसे कोविड केयर सुविधा केंद्र स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीमों तथा एंबुलेंसो से जुड़े होने चाहिए और आरडब्लूए, रेजिडेंशियल सोसायटी, एनजीओ, डॉक्टर, केयरगिवर तथा एंबुलेंस सर्विस प्रोवाइडर आदि जैसे महत्वपूर्ण टेलीफोन नंबर सार्वजनिक रूप से चस्पा हो जो सभी को आसानी से दिखाई देते हो। ऐसे अस्थाई सुविधा केंद्र रिहायशी सोसाइटी के कम्युनिटी हॉल या कॉमन यूटिलिटी एरिया या सोसाइटी के खाली पड़े फ्लैटों में स्थापित की जा सकती है जोकि आबादी से अलग हो।इनमें अलग प्रवेश व निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रवेश द्वार पर स्वच्छता संबंधी प्रबंध जैसे सैनिटाइजर या डिस्पेंसर और देखभाल करने वालों के लिए थर्मल स्क्रीनिंग का प्रावधान आदि हो। इन सुविधा केंद्रों में लगाए गए बैडों की आपस में एक दूसरे से कम से कम 3 फीट की दूरी होनी चाहिए। इनमें क्राॅस वेंटीलेशन के उचित प्रबंध हो और एग्जॉस्ट फैन की भी व्यवस्था हो ताकि अंदर की हवा बाहर फेंकी जा सके। गेटेड रिहायशी सोसाइटी में रहने वाले डॉक्टर या एनजीओ द्वारा उपलब्ध करवाया गया डॉक्टर प्रतिदिन उस सोसाइटी में बनाए गए सुविधा केंद्र में दाखिल मरीजों की चिकित्सीय जांच करें। इनके अलावा, मरीजों की देखभाल के लिए आरडब्लूए द्वारा केयरगिवर या देखभालकर्ता भी लगाया जाना जरूरी है। इन डॉक्टरों व देखभालकर्ताओ को स्वास्थ्य विभाग गुरुग्राम द्वारा कोविड-19 प्रबंधन तथा संक्रमण की रोकथाम व नियंत्रण संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा। देखभालकर्ता द्वारा इन सुविधा केंद्रों में भर्ती मरीजों का रिकॉर्ड रखा जायेगा। इन सुविधा केंद्रों में भर्ती किए गए मरीजों की वीडियो कैमरो या गार्डों के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सुविधा केंद्र से बाहर किसी सार्वजनिक स्थान पर न जाएं। यदि कोविड सुविधा केंद्र में किसी कोरोना संदिग्ध व्यक्ति की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो यह वहां कार्यरत डॉक्टर के आकलन पर निर्भर करेगा कि उसे डिस्चार्ज किया जाए या फिर जरूरत अनुसार नॉन कोविड-सुविधा केंद्र में भेजा जाए। इन सुविधा केंद्रों का रोजाना रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। Post navigation पत्रकारों को भी मिले कोरोना योद्धा की पदवी : एनसीआर मीडिया क्लब लॉकडाउन के प्रथम चरण के पहले दिन शहर की सडक़ें व मुख्य मार्किट दिखाई दी वीरान