कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते शनिवार किया गया था आरंभ. कॉविड एवं आइसोलेशन वार्ड में केवल 5 बेड ही बचे खाली. प्राथमिकता पीड़ितों का ऑक्सीजन लेवल को संतोषजनक लाना फतह सिंह उजाला पटौदी । पटौदी विधानसभा क्षेत्र का पाटौदी नागरिक अस्पताल कोरोना कॉविड 19 महामारी में भी अपनी कसौटी और स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में पीड़ितों की उपेक्षा पर पूरी तरह खरा उतर रहा है। अचानक कोरोना कॉविड 19 की दूसरी लहर को देखते हुए बीते शनिवार 24 अप्रैल को पाटौदी के नागरिक अस्पताल में 25 बेड का कोविड आईसोलेशन सेंटर तैयार किया गया। इस मामले में पटौदी नागरिक अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नीरू यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि 29 अप्रैल गुरुवार तक पटौदी के कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में कुल 27 मरीजों को उनकी हालात को देखते हुए उपचार के लिए भर्ती किया जा चुका है । इनमें से 3 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं । शुक्रवार को पटौदी नागरिक अस्पताल के कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में 20 मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और समाचार लिखे जाने तक 5 बेड ही खाली बचे हुए थे। कोविड- आइसोलेशन वार्ड की सबसे पहली प्राथमिकता यही है कि कोरोना पीड़ितों को जिन्हें सांस लेने में परेशानी या फिर ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही है , ऐसे मरीजों को सबसे पहले ऑक्सीजन देकर उनके शरीर के ऑक्सीजन के लेवल को संतोषजनक स्तर पर लेकर आना। स्वास्थ्य विभाग की टीम का काम है और यह काम पटौदी नागरिक अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारी कर रहे हैं । उन्होंने बताया की यहां उपचाराधीन 4 मरीज ऐसे भी हैं जोकि अस्पताल के इस सेंटर में किए जा रहे उपचार से पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद स्वेच्छा से अपने-अपने घर लौटने वालों में शामिल हैं। उन्होंने बताया की पटौदी के नागरिक अस्पताल में आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा नहीं होने की वजह से यहां आने वाले रोगियों को अथवा उनके साथ आने वाले तीमारदारों को पहले ही अवगत करा दिया जाता है कि मरीज को यदि अधिक परेशानी महसूस हो तो किसी अन्य अस्पताल में रेफर करना ही एकमात्र विकल्प है। ऐसे हालात में रोगी अथवा पीड़ित के द्वारा या फिर उनके साथ आने वाले परिजनों के द्वारा अस्पताल प्रबंधन को लिखित में आश्वासन दिया जाता है कि जितनी भी सुविधा है उसके मुताबिक उपचार किया जाए । इसके बाद में पीड़ित का उपचार आरंभ कर दिया जाता है और जब रोगी अथवा पीड़ित कोविड-19 के मुताबिक स्वस्थ हो तो उसे डिस्चार्ज कर दिया जाता है । एसएमओ डा नीरू यादव स्वयं यहां से स्वस्थ होकर लौटने वालें पीड़ितों को प्रोत्साहित कर रही है। इसी बीच में सूत्रों के मुताबिक बेहद चैंकाने वाली जानकारी भी मिली है कि पटौदी के कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में उपचार के लिए पहुंचे दो रोगी नजरें बचाकर या फिर बहानेबाजी करके यहां से फरार भी हो चुके हैं। जबकि स्थानीय पुलिस प्रशासन की तरफ से पुलिसकर्मी भी सेंटर पर मौजूद या फिर अस्पताल में मौजूद रहते है । पटौदी में कोरोना प्रोटोकाल के मुताबिक मृतकों के दाह संस्कार के सवाल का जवाब देते हुए सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नीरू यादव ने बताया की पटौदी के नागरिक अस्पताल में अभी तक किसी भी कोरोना से पीड़ित रोगी अथवा मरीज की मृत्यु नहीं हुई है । जितनी भी मृत्यु हुई हैं वह पीड़ित के घर अथवा किसी अन्य स्थान पर हुई हैं । जब इस बात की जानकारी पटौदी स्वास्थ्य विभाग को मिली तो उसके बाद में विभिन्न आधा दर्जन कोरोना के कारण मृतकों का मृत्यु के उपरांत कोरोना प्रोटोकाल के मुताबिक अंतिम संस्कार भी करवाया गया है । शुक्रवार को समाचार लिखे जाने तक पाटौदी के नागरिक अस्पताल के कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में ऑन ड्यूटी डॉक्टर विजेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां पर जो भी 20 पेशेंट स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं वह पूरी तरह से तनाव मुक्त और बेहद संतुष्ट हैं । रोगियों को सेंटर पर सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से ही भोजन इत्यादि की सुविधा भी उपलब्ध है । पटौदी नागरिक अस्पताल में आज के समय में कोरोना कोविड-19 के पीड़ित जिन्हें की सांस लेने में परेशानी हो या फिर उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो ऐसे मरीजों की किसी भी प्रकार से भगदड़ अथवा हड़बड़ी बिल्कुल भी नहीं है। पटौदी नागरिक अस्पताल में आज के हालात में जो भी संसाधन उपलब्ध हैं उन्ही संसाधनों के द्वारा यहां आने वाले सभी रोगियों का संतोषजनक उपचार किया जा रहा है और स्वस्थ होने के बाद रोगी भी संतुष्ट होकर अपने घर लौट रहे हैं। Post navigation बोेहड़ाकला प्राचीन हनुमान मंदिर परिसर में अस्पताल बनेगा आइसोलेशन सेंटर पटौदी अस्पताल के आई सर्जन डॉ सुशांत शर्मा के पिता का देहावसान