दुष्यंत चौटाला अन्नदाता से वार्ता करने के लिए मोदी सरकार को पत्र लिखने की नौटंकी कर रहे है : विद्रोही

रेवाड़ी, 18 अप्रैल 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने एक बयान में कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को अन्नदाता की इतनी ही चिंता है तो मोदी सरकार को आंदोलनरत किसानों से वार्ता करने करने के लिए पत्र लिखने की नौटंकी करके मगरमच्छी आंसू बहाने की बजाय भाजपा को स्पष्ट चेतावनी देनी चाहिए कि यदि मोदी सरकार ने दो दिन के अंदर-अंदर तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों से वार्ता शुरू नही की तो वे हरियाणा में भाजपा सरकारे से समर्थन वापिस ले लेंगे। विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा से समर्थन वापिस लेने की बजाय दुष्यंत चौटाला अन्नदाता से वार्ता करने के लिए मोदी सरकार को पत्र लिखने की नौटंकी कर रहे है। इसी तरह आंदोलनरत किसानों को खालिस्तानी, आतंकवादी, पाकिस्तानी, अराजक तत्व, कांग्रेसी एजेंट, गुंडे जैसे खिताब देने वाले हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज भी केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर वार्ता की पहल करने का राग अलाप रहे है। कटु सत्य यह है कि चाहे मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर हो या दुष्यंत चौटाला या अनिल विज, कोरोना संक्रमण फैलाव के बहाने आंदोलनरत किसानों को धरना स्थलों से जबदस्ती हटाने की सुनियोजित रणनीति के तहत काम कर रहे है। 

विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा-जजपा सरकार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, संतरी किसानों से वार्ता करने का राग अलापलकर भूमिका बना रहे है कि मोदी सरकार तो किसानों से वार्ता करना चाहती है, पर आंदोलनरत किसान ही वार्ता करने को तैयार नही है। मीडिया में ऐसी हवा बनाकर वस्तुत: संघी सरकार पैरामिल्ट्री व पुलिस की लाठियों के बल पर किसानों को जबदस्ती ंिसंघु बार्डर टीकरी बार्डर, गाजीपुर बार्डर व हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर धरने पर बैठे किसानों को जबदस्ती हटाने की फिराक में है। यदि भाजपा सरकार की नीयत साफ होती तो किसानों से वार्ता करके कृषि कानूनों का हल निकालने से रोक कौन रहा है?

विद्रोही ने कहा कि तीन काले कृषि कानूनों को किसान हित में होने का राग अलापने वाले भी भाजपाई-संघी ही है। किसानों से वार्ता न करने की जिद पर अडने वाले भी भाजपाई-संघी व आंदोलनरत किसानों को अपमानित करने वाले भी संघी। किसानों के हितैषी होने का दम भरने वाले भाजपाई-संघी-जजपाई यदि इतने ही अन्नदाता के पक्षकार है तो मोदीजी पर काले कृषि कानूनों को रद्द करने का दबाव क्यों नही बनाते? वहीं विद्रोही ने कहा कि जजपा नेता व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला दो टूक शब्दों में क्यों नही कहते कि कृषि कानून किसान विरोधी है और यदि भाजपा सरकार इन्हे वापिस नही लेती है तो भाजपा हरियाणा सरकार से वह समर्थन वापिस ले लेंगे। 

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