रेवाड़ी में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बाबा साहब की की प्रतिमा का उदघाटन व उदघाटन के बाद सभा की जिसमें खट्टर सरकार के दो मंत्रीयों सहित कई वर्तमान व पूर्व भाजपा-जजपा विधायकों, कई सरकारी अधिकारी शामिल हुए। पर न तो उदघाटन स्थल पर और न ही सभा स्थल पर कोरोना प्रोटोकाल का पालन किया गया।

रेवाड़ी – 16 अप्रैल 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर प्रदेश में फैलते कोरोना संक्रमण के प्रति सूखी चिंता जताने की नौटंकी तो करते है, पर वे स्वयं और उनके मंत्री, प्रशासन सरकारी कार्यक्रमों में पैसेभर भी कोरोना प्रोटोकाल का पालन नही करते है।

इसका उदाहरण देते हुए विद्रोही ने बताया कि 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयती के अवसर पर रेवाड़ी में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बाबा साहब की की प्रतिमा का उदघाटन व उदघाटन के बाद सभा की जिसमें खट्टर सरकार के दो मंत्रीयों सहित कई वर्तमान व पूर्व भाजपा-जजपा विधायकों, कई सरकारी अधिकारी शामिल हुए। पर न तो उदघाटन स्थल पर और न ही सभा स्थल पर कोरोना प्रोटोकाल का पालन किया गया। किसी ने न तो मास्क लगाया, न ही सोशल डिस्टेसिंग का पालन हुआ, न सैनेटाईजर और और न ही कोरोना गाईड लाईन का पालन हुआ। सवाल उठता है कि जब भाजपा-जजपा खट्टर सरकार के मंत्री-संतरी सरकारी पैसे से होने वाले कार्यक्रमों में कोरोना प्रोटोकाल का पालन खुद ही नही करते है तो वे आमजनों ये यह कैसे अपेक्षा करते है कि वे कोरोना गाईड लाईन का पालन करेंगे। 

विद्रोही ने सवाल किया के यदि आम आदमी मास्क नही लगाता, कोरोना गाईड लाईन का पालन नही करता है तो उससे सरकार जुर्माना वसूलती है, पुलिस एफआईआर दर्ज करती है। फिर रेवाडी में उपमुख्यमंत्री के सरकारी कार्यक्रम में एक भी कोरोना गाईड लाईन का पालन नही होने पर कार्यक्रम में शामिल होने वाले उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, मंत्रीयों, विधायकों, पूर्व विधायकों, भाजपा-जजपा नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करके कानूनी कार्यवाही क्यों नही हुई? क्या कोरोना गाईड लाईन केवल आमजनों पर लागू होती है? भाजपा सरकार के मंत्रीयो-संतरियों पर कोरोना गाईड लाईन लागू नही होती है? क्या वे कानून से ऊपर है?

विद्रोही ने सवाल किया कि कोरोना पर मीडिया में व सरकारी मंचों पर उपदेश झाडने वाले मुख्यमंत्री खट्टर जी अपना आत्मविश्लेषण करे कि क्या उनके किसी भी सरकारी कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकाल का पालन होता है और यदि नही होता है तो क्यों नही होता? प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के नाते क्या खट्टर जी का काम कोरोना पर केवल उपदेश झाडना ही है या खुद पर और अपने कार्यक्रमों में कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना है भी या नही? किसान आंदोलन के चलते मुख्यमंत्री खट्टर व उनके मंत्रीयों, भाजपा सांसदों, विधायकों, नेताओं को सरकार भक्त दक्षिणी हरियाणा को छोड़कर शेष हरियाणा में एक तरह से सामाजिक बहिष्कार कर रखा है। वे कार्यक्रम करना तो दूर, मौत शोक बैठकों में भी नही जा पा रहे है। विद्रोही ने कहा कि सत्ता दुरूपयोग से पुलिस लाठियों, संगिनों के साये में मुख्यमंत्री, मंत्री, भाजपा सांसद, विधायक जबरदस्ती सरकारी कार्यक्रम करने पर उतारू है। उन्हे इस बात की पैसेभर भी चिंता नही है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कोरोना प्रोटोकाल का पालन हो।

विद्रोही ने मांग की कि मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमण पर उपदेश झाडने से पहले खुद और अपने मंत्रीयों, भाजपा सांसदों, विधायकों से कोरोना प्रोटोकाल का पालन करवाये व जो भी मंत्री-संतरी कोरोना गाईड लाईन का पालन न करे, उस पर एफआईआर दर्ज करे और फिर आम आदमी को कोरोना गाईड लाईन का पालन करने का उपदेश दे। 

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