एक सप्ताह में गुरूग्राम में युद्ध स्तर पर काम होता दिखाई देगा,
शिकायतें सुनी और उनका समाधान करवाने का भरोसा दिलाया

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम।
 सूबे के पावर मिनिस्टर चै रणजीत सिंह ने कहा कि अगले तीन महीनों में बिजली के मामले में गुरूग्राम की तस्वीर बदल देंगे । यह परिवर्तन यहां के लोग महसूस भी करेंगे। उन्होंने कहा कि बिजली से संबंधित आधी से ज्यादा समस्याओं को हम अगले एक महीने में ही दूर करने की कोशिश करेंगे। अगले एक सप्ताह में गुरूग्राम में युद्ध स्तर पर काम होता दिखाई देगा।

पावर मिनिस्टर लोक निर्माण विश्रामगृह में विभिन्न रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों के साथ बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने रेजीडंेट वैलफेयर एसोसिएशनों (आरडब्ल्यूए) की बिजली से संबंधित शिकायतें सुनी और उनका समाधान करवाने का भरोसा दिलाया। साथ ही उन्होंने कहा कि बिजली निगम के दो वरिष्ठ अधिकारी अगले 3 दिन तक गुरूग्राम में ही रहकर उद्यमियों तथा आरडब्ल्यूए की समस्याएं सुनेंगे और हल हो सकने वाली समस्याओं पर प्रबंध निदेशक बलकार सिंह से स्वीकृति लेकर उनका समाधान करवाएंगे और आवश्यकता पड़ी तो अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी के दास या स्वयं उनसे बात करेंगे। बिजली मंत्री ने कहा कि एक महीने के बाद वे इसी प्रकार की बैठक दोबारा यहां करेंगे।

एडवांस कजम्पशन डिपोजिट (एसीडी) के बारे में बिजली मंत्री ने कहा कि यह नियम हरियाणा बिजली नियामक आयोग का है और यह राशि एक मुश्त ना लेकर चार आसान किस्तों में लेने के लिए आयोग से आग्रह किया जाएगा। दो बिलिंग साईकिल की औसत के आधार पर उपभोक्ता से अग्रिम राशि सिक्योरिटी के तौर पर जमा करवाने की व्यवस्था को एसीडी कहा जाता है। अगर उपभोक्ता बिजली निगम का डिफाल्टर हो जाता है तो उस सिक्योरिटी राशि से बिल की भरपाई की जा सकती है। बिजली निगम के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के दास के अनुसार आयोग का एक नियम यह भी है कि बिजली जाने के बाद यदि कुछ घंटो में बिजली बहाल नहीं हो पाती है तो निगम उस उपभोक्ता को पैसे भी देगा।

श्री दास ने कहा कि बिजली के तारों के पास लगे पेड़ों की छटाई के लिए अलग से ठेका दिया जाएगा और उसके बाद यदि उन पेड़ों की वजह से बिजली आपूर्ति में बाधा आती है तो ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर बिजली की तारों पर भी जैकेट लगवाएंगे ताकि पेड़ों की टहनियों के हिलने से बिजली आपूर्ति बाधित ना हो। श्री दास ने बताया कि सैक्टर 46 में 66 केवी सब स्टेशन पर काम चल रहा है, उसके पूर्ण होने पर उस क्षेत्र की बिजली की समस्याएं दूर होंगी। तब तक अंतरिम राहत के तौर पर ट्रांसफार्मरों की संख्या बढाई जाएगी। वाटिका सिटी आरडब्ल्यूए की समस्याएं सुनते हुए श्री दास ने कहा कि जो मकान बन चुके हैं उनके बिजली कनेक्शन को नाॅन डोमेस्टिक से डोमेस्टिक सप्लाई में परिवर्तित कर दिया जाएगा। उस सोसायटी में बिजली सब स्टेशन स्थापित करने के लिए अगर वहां के निवासी सशर्त राशि बिजली निगम में जमा करवाने को तैयार हो तो यह कार्य करवा दिया जाएगा। साथ ही नगर एवं ग्राम योजना विभाग के माध्यम से संबंधित बिल्डर से वह राशि लेने के प्रयास किए जाएंगे, राशि मिलने पर उपभोक्ताओं का पैसा लौटा दिया जाएगा। श्री दास ने कहा कि बिल्डर द्वारा बनाई गई रिहायशी सोसायटियों में आंतरिक बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर और सब स्टेशन बनाकर देना बिल्डर का काम है, उसके बाद बिजली निगम ऐसे क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति कर सकता है।

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