रीति और नीति का पाठ पढ़ाते कहा संगठन सदैव सर्वोपरि.
संस्कृत भारती विश्व में संस्कृत के प्रचार-प्रसार में जुटी

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम ।
  सेक्टर 17 स्थित सेंट पीबीएन पब्लिक स्कूल में संस्कृत के प्रचार प्रसार में लगी हुई विश्वव्यापी संस्था संस्कृत भारती की गुरुग्राम विभाग की गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्कृत भारती के उत्तर क्षेत्र संगठन प्रमुख जय प्रकाश ने सभी कार्यकर्ताओं को संस्कृत के प्रचार और प्रसार के लिए तत्पर रहने का आह्वान किया। गोष्ठी में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ यशवीर सिंह, हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉक्टर दिनेश शास्त्री और हरियाणा प्रांत सह मंत्री प्रमोद कुमार के अतिरिक्त गुरुग्राम विभाग के संस्कृत भारती के सभी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

गोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके उपरांत संस्कृत भारती कार्यकर्ता जगमीत सिंह ने ध्येय मंत्र का पाठ किया। गुरुग्राम विभाग के सहसंयोजक डॉ सुनील कुमार ने सभी अतिथियों का परिचय कराया और सभी का स्वागत किया। आनंद माहुरे ने संस्कृत गीत के साथ कार्यकर्ताओं को रस विभोर कर दिया। गोष्ठी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उत्तर क्षेत्रीय संगठन मंत्री माननीय जयप्रकाश  ने सभी कार्यकर्ताओं को संगठन की रीति और नीति का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि संगठन सदैव सर्वोपरि होता है । कोई भी व्यक्ति संगठन से बड़ा नहीं होता है। ऐसे में सदैव संगठन के लिए कार्य करना चाहिए और संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

संस्कृत जन-जन की भाषा किस प्रकार बने, इस बारे में निरंतर चिंतन करते रहना ही संगठन की सभी सदस्यों का ध्येय होना चाहिए । किसी भी व्यक्ति को संगठन में पद धन या किसी अन्य आकांक्षा के बिना ही आना चाहिए क्योंकि इस प्रकार आने वाला व्यक्ति ही सदैव संगठन के प्रति समर्पित रह सकेगा। संगठन में कार्यकर्ताओं का लालन-पालन,संवर्धन और तर्जन सभी प्रकार के कार्य होते हैं। तभी कोई भी संगठन ऊंचाइयों को प्राप्त करता है । संस्कृत भारती आज विश्व भर में संस्कृत के प्रचार और प्रसार में लगी हुई है और संस्कृत लोगों की भाषा किस प्रकार बने, संस्कृत भारती इसके लिए सदैव प्रयासरत रहे रहती है। हमें निरंतर इस विषय में प्रयास करते रहनी चाहिए और संस्कृत को प्रत्येक घर तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।

इस अवसर पर जयप्रकाश  ने गुरूग्राम विभाग में होने वाले आगामी जनपद सम्मेलनों के बारे में विस्तार से चर्चा की और उनकी रुपरेखा बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को कहा। जनपद सम्मेलन में अधिक से अधिक कार्यकर्ता शामिल हो और संस्कृत का प्रचार प्रसार अधिक से अधिक हो, इस बारे में उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को प्रेरित भी किया। इस अवसर पर हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ दिनेश शास्त्री और सभी कार्यकर्ताओं ने पूर्ण निष्ठा व समर्पण के साथ संगठन के प्रति सदैव समर्पित भाव से कार्य करने का संकल्प लिया। अंत में प्रांत सह मंत्री प्रमोद शास्त्री ने सभी का आभार प्रकट किया । मंच का कुशल संचालन गुरुग्राम विभाग के संयोजक सत्येंद्र कुमार ने किया। गोष्ठी में रेवाड़ी, गुरुग्राम और मेवात क्षेत्र से संस्कृत भारती के विभिन्न कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।

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