आरोपी की याचिका पर हुई सुनवाई
पीडि़त पक्ष ने लंबित याचिका का स्टेटस व तथ्य किए न्यायालय में पेश
अगली सुनवाई 19 अप्रैल को

गुरुग्राम, 8 अप्रैल (अशोक): जिले के एक निजी स्कूल की कक्षा दूसरी के छात्र प्रिंस की गला रेतकर हत्या कर देने के मामले में आरोपी भोलू की
याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पीडि़त पक्ष की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में लंबित पड़ी याचिका का स्टेटस व तथ्य पेश किए गए। न्यायालय ने पीडि़त पक्ष को आदेश दिया कि जो दस्तावेज उन्होंने न्यायालय में पेश किए हैं, उनकी प्रतियां सभी पक्षों को उपलब्ध करा दी जाए, ताकि आगामी 19 अप्रैल को इस याचिका पर सुनवाई हो सके।

यानि कि अदालत ने अब इस याचिका पर सुनवाई के लिए आगामी 19 अप्रैल कीतारीख निश्चित कर दी है। आरोपी पक्ष की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मांग की गई है कि वर्ष 2015 में जुवेनाईज जस्टिस एक्ट में जो संशोधन किए गए हैं, उनको खारिज किया जाए। आरोपी पक्ष ने इस संशोधनों को असंवैधानिक व गैर कानूनी बताते हुए अपनी दलील भी दी हैं। उधर पीडि़त पक्ष का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय में आरोपी के बालिग व नाबालिग होने का मामला अभी लंबित पड़ा है। उनका कहना है कि जुवेनाईल जस्टिस एक्ट में हुए संशोधनों से स्पष्ट हो गया था कि 16 वर्ष से 18 वर्ष के नाबालिगों को संगीन अपराध के मामलों में उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है। इस संशोधन को लेकर ही आरोपी पक्ष इनको रद्द करने की मांग कर रहा है।

गौरतलब है कि वर्ष 2017 की 8 सितम्बर को जिले के एक निजी स्कूल में कक्षा दूसरी में पढऩे वाले छात्र प्रिंस की स्कूल परिसर में ही गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। गुडग़ांव पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को आरोपी करार देते हुए गिरफ्तार कर लिया था। जब इस मामले की जांच पीडि़त पक्ष के अनुरोध पर प्रदेश सरकार ने सीबीआई को सौंपी तो सीबीआई ने अपनी जांच में पुलिस की पूरी थ्योरी को ही बदल डाला था और बस कंडक्टर अशोक को निर्दोष करार देते हुए स्कूल के ही 11वीं के छात्र भोलू को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था।

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